YMCA : सात करोड़ रुपये की लागत से विश्वविद्यालय में किया जायेगा अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं को विकसित

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TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA )  फरीदाबाद, 20 फरवरी – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा इंजीनियरिंग तथा विज्ञान के क्षेत्र में बहुआयामी अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं को विकसित किया जायेगा।

यह जानकारी कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विश्वविद्यालय में अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भावी योजनाओं पर चर्चा के लिए आयोजित एक बैठक में दी। उन्होंने कहा कि नई अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य को प्रोत्साहित करना विश्वविद्यालय की सबसे प्रमुख प्राथमिकता है, जिसके लिए आधुनिक उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों के साथ केन्द्रीय अनुसंधान सुविधा केन्द्र विकसित करने की आवश्यकता है। इन सुविधाओं से न केवल अनुसंधान कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा, अपितु शोधकर्ताओं को विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नये नवाचार (इनोवेशन) के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा।

केन्द्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) केन्द्र नैनो टेक्नोलॉजी जैसी उन्नत इंजीनियरिंग व विज्ञान की गतिविधियों के लिए जरूरत को पूरा करेगी तथा इसमें स्क्रनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एसईएम), एक्स-रे डिफ्रेक्शन सिस्टम (एक्सआरडी), एटोमिक फोर्स माइक्रोस्कोपी (एएफएम), फॉरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड (एफटीआईआर) तथा माइक्रोहार्डनेस टेस्टर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाये जायेंगे। ये उपकरण विभिन्न प्रकार की सामग्री (मेटीरियर) के निरूपण (क्रेक्टरिजैशन) तथा एडवांस मेटीरियर के अनुसंधान व विश्लेषण में मददगार होंगे।

हालांकि विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करवाने के उद्देश्य से विभिन्न अनुसंधान संस्थानों के साथ समझौते भी किये गये है, जहां विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, शोधकर्ता व विद्यार्थी सुविधाओं का लाभ उठा सकते है। अब शोधकर्ताओं को शोध कार्याें के लिए विश्वविद्यालय परिसर में ही आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा यह अहम कदम उठाया गया है, जिससे शोधकर्ताओं को अनुसंधान के लिए जरूरी उपकरणों के लिए दूसरे संस्थानों में नहीं जाना पड़ेगा और इससे उनके समय की भी बचत होगी, जिससे अनुंसधान की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

Vice-Chancellor Prof. Dinesh Kumar

कुलपति ने कहा कि वर्ष 2009 में पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप से अस्तित्व में आये वाईएमसीए विश्वविद्यालय ने विगत कुछ वर्षाें में कई मानदंड स्थापित किये है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) द्वारा ग्रेड-ए हासिल हुआ तथा विश्वविद्यालय का चयन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी-3) के अंतर्गत हुआ। हाल ही में विश्वविद्यालय के पांच पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) द्वारा मान्यता प्रदान की गई, जो विश्वविद्यालय की तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को दर्शाता है। इस प्रकार, अनुसंधान गतिविधियों में विस्तार से विश्वविद्यालय में अनुसंधान व इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और शोध में गुणवत्ता आयेगी, जिससे विश्वविद्यालय खुद को देश के एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थापित कर सकेगा।

 

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