TODAYEXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) फरीदाबाद 15 नवम्बर – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा विद्यार्थियों को अनुसंधान के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय सहयोग दिया जायेगा। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने आज घोषणा की कि विद्यार्थियों के ऐसे नवीन प्रोजेक्ट, जो नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित हो, को एक लाख रुपये तक की फंडिंग विश्वविद्यालय की ओर से की जायेगी। सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स कोरिया द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में ‘इंटरनेट आफ थिंग्स’ (आईओटी) विषय पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने के उपरांत संबोधित कर रहे थे। सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स कोरिया की टीम ने विश्वविद्यालय के बी.टेक आईटी व कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थियों के साथ आईओटी आधारित उत्पादों पर चर्चा की तथा प्रतियोगिता के माध्यम से उन्हें बाल एवं महिला सुरक्षा को लेकर अपने इनोवेटिव आइडिया प्रस्तुत करने के लिए कहा। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने 50 प्रोजेक्ट प्रस्तुत किये, जिन्हें सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स कोरिया के प्रतिनिधियों द्वारा तकनीक की कसौटी पर परखा गया। इस अवसर पर चयनित तीन सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. कोमल भाटिया, आईटी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा तथा प्रो. सी.के नागपाल भी उपस्थित थे। कुलपति ने कहा कि आने वाला समय आईओटी आधारित तकनीक का है और सबसे ज्यादा रोजगार इसी क्षेत्र में सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि सेंसर, क्लाउड कम्प्यूटिंग तथा प्रोग्रामिंग कुछ ऐसे क्षेत्र है, जहां विद्यार्थियों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने सेंसर व क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से आईओटी आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किये, जिसमें विद्यार्थियांे ने बताया गया कि किस प्रकार अंगूठी, बाली और कंगन को आईटी उपकरणों के तब्दील किया जा सकता है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर सुरक्षा के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसमें पहला पुरस्कार भूपेन्द्र व हरीश राणा के ‘स्मार्ट रिंग’ प्रोजेक्ट को मिला। दूसरा पुरस्कार अभिषेक सरोहा व अमन प्रताप के ‘फ्यूचर स्मार्ट डिवाइस’ को मिला और तीसरा पुरस्कार राजीव कुमार व मनू दत्त भारद्वाज के ‘स्त्रिक्षा’ प्रोजेक्ट को मिला।