भारत में बदल रहे हैं शादियों के ट्रेंड्स : विंधम रिसर्च

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  • भारत में भव्‍य शादी की वापसी के बाद गोवा और उदयपुर जैसे विश्व प्रसिद्ध और उभरते हुए डेस्टिनेशंस आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं

टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ | भारत, 26 Dec, 2024: भारत में शादी करने के तौर-तरीकों में बदलाव देखा जा रहा है। विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में भारतीय शादी की योजनाओं में हो रहे दिलचस्प बदलावों का खुलासा किया गया है। बदलाव संबंधी यह रिपोर्ट हाल ही में सगाई या शादी कर चुके 1,000 लोगों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि गोवा, उदयपुर और जयपुर जैसी जगहें अब भी शादी के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्‍य स्‍थान बनी हुई हैं। दूसरी तरफ, दार्जिलिंग, अमृतसर, मसूरी और देहरादून जैसे सुंदर और शांत स्थान भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये जगहें अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और अनोखेपन के कारण कपल्‍स (युगलों) को आकर्षित कर रही हैं। यह बदलाव इस बात को दर्शाता है कि आज के युगल अपने खास दिन को पारंपरिक तरीकों से अलग हटकर और भी ज्यादा निजी, यादगार और खास बनाना चाहते हैं।

इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आज की शादियों में परिवार और दोस्तों के साथ स्थायी यादें बनाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। बड़ी और कई दिनों तक चलने वाली शादियों का चलन फिर से लौटता हुआ दिख रहा है। युवा पीढ़ी, खासकर नई पीढ़ी (ज़ेन ज़ी), अपनी शादी में बजट का ध्यान रखते हुए भी भव्‍यता का एक अच्छा संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। वे शादी की योजना बनाते समय व्यावहारिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। यह बदलाव दिखाता है कि लोग अब प्रामाणिक और अपनी जरूरतों के अनुसार अनोखे समारोहों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये समारोह न केवल परंपराओं का सम्मान करते हैं, बल्कि स्थिरता और नई तकनीकों जैसे आधुनिक पहलुओं को भी अपना रहे हैं।

देश भर में लगभग 60 होटलों और कई खूबसूरत जगहों पर मौजूदगी के साथ, विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स हर शादी के लिए उपयुक्त स्थान, उसकी भव्‍यता (व्‍यापकता) और बजट के अनुसार शानदार व्यवस्था प्रदान करता है। पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, विंधम शादी के बदलते रुझानों को समझने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए तत्पर है। यह जोड़ों को उनके खास दिन को यादगार बनाने के लिए हर संभव सुविधा और सेवा प्रदान करता है।

विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के अध्यक्ष, दिमित्रिस मानिकिस ने कहा, “हमारी रिपोर्ट से पता चलता है कि जोड़े अब गोवा और उदयपुर जैसे विशेष और वैयक्तिक (पर्सनलाइज्‍ड) शादी के गंतव्यों की ओर रुख कर रहे हैं। यह उनके द्वारा किये जा रहे अधिक अनोखे अनुभवों की तलाश को दर्शाता है। बड़ी और लंबे समय तक चलने वाली शादी समारोहों की परंपरा वापस आ रही है। खासकर युवा पीढ़ी (ज़ेन ज़ी), जो पर्यावरण और बजट के प्रति जागरूक है, लग्जरी और तकनीक का शानदार तालमेल बना रही है। विंधम में, हम जोड़ों को उनकी जरूरतों के अनुसार अविस्मरणीय शादी समारोह की योजना बनाने और इसे यादगार बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।”

भारतीय शादियों की भव्यता की वापसी: जोड़े अपने खास दिन को अविस्मरणीय बनाने की तैयारी में जुटे
भारतीय शादियां अपनी पुरानी भव्यता और पारंपरिक अंदाज के साथ लौट आई हैं, जिनमें औसतन 350-400 मेहमान शामिल होते हैं। मध्यम और बड़े पैमाने के इन समारोहों ने कोविड-19 के बाद बड़े आयोजनों की चाहत को फिर से उजागर किया है। अब शादियां सिर्फ शादी के बंधन में बंधने का अवसर नहीं रह गई हैं, बल्कि ऐसी यादें बनाने का अवसर बन गई हैं जिन्हें जीवनभर संजोया जा सके। लगभग 52% जोड़े असाधारण और अनोखे आयोजन कर अपनी शादी को यादगार बनाना चाहते हैं, जबकि 34% लोग इसे सामाजिक और पारिवारिक अपेक्षाओं के दबाव का परिणाम मानते हैं।

बड़े समारोहों के इस चलन के बावजूद, बजट का ध्यान रखने वाले समारोहों की बढ़ती लोकप्रियता शादी की विविधता को भी सामने लाती है। यह स्पष्ट है कि हर जोड़ा अपनी शादी को खास बनाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार आयोजन कर रहा है।

आधुनिक शादियां: बजट और सपनों के बीच संतुलन
आज के जोड़े, खासकर युवा पीढ़ी, अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बड़े सपने देखते हैं, लेकिन दूसरी तरफ बजट को लेकर सतर्क भी रहते हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव से प्रेरित होकर, करीब 35% जोड़े अपनी शादी को ऑनलाइन शोकेस करने का सपना देखते हैं। हालांकि, परिवार और दोस्तों के साथ की गई शादियां आज भी एक व्यक्तिगत और प्रामाणिक अनुभव को महत्व देती हैं। ज्यादातर युगल 25 लाख रुपये तक के बजट में अपनी शादी का आयोजन करना चाहते हैं। वे अपने प्रियजनों की मदद से सजावट और तैयारी में निजी अहसास जोड़ने प्रयास करते हैं। हालांकि, बजट का ध्यान रखने के बावजूद, वे समुद्र तट, रूफटॉप और पहाड़ी स्थानों जैसे खूबसूरत और तस्वीरों के लिए उपयुक्त जगहों को प्राथमिकता देते हैं। यह नया नजरिया दिखाता है कि कैसे आज के युगल व्‍यवहारिक सोच और अपनी आकांक्षाओं को मिलाकर ऐसी शादियां कर रहे हैं, जो न केवल खास होती हैं, बल्कि रिश्तों और खूबसूरती को भी महत्व देती हैं।

युगलों की पसंद: परिवार की सहूलियत के लिए स्थानीय वेन्यू
शादियों में डेस्टिनेशन का आकर्षण अपनी जगह है, लेकिन आज के कपल्स पारिवारिक सुविधा को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय स्थानों का चयन कर रहे हैं। अध्ययन से पता चला है कि केवल 11% कपल्स ही दूर-दराज के स्थलों को चुनते हैं, जबकि 40% अपने होमटाउन या आसपास के पारिवारिक स्थलों में शादी करना पसंद करते हैं। स्थानीय वेन्यू न केवल साजो-सामान की दिक्कतों को कम करते हैं, बल्कि परिवार और दोस्तों को समारोह में शामिल होने का बेहतर मौका भी देते हैं। इससे शादी का माहौल अधिक अंतरंग और पारिवारिक हो जाता है।

गोवा, जयपुर, दार्जिलिंग और उदयपुर जैसे मशहूर स्थलों के साथ, विंधम के पास ऐसी प्रॉपर्टीज का बड़ा नेटवर्क है जो इस ट्रेंड

डिजिटल विवाह का नया दौर: तकनीक से बदल रहे शादी के अनुभव
आज की शादियों में तकनीक का बढ़ता उपयोग उन्हें और खास बना रहा है। डिजिटल मेनू, ई-आमंत्रण और ड्रोन फोटोग्राफी जैसी आधुनिक सुविधाएं अब शादी समारोहों का हिस्सा बन चुकी हैं। अध्ययन से पता चलता है कि 36% जोड़ों ने एलईडी स्क्रीन का इस्तेमाल किया, 29% ने डिजिटल निमंत्रण भेजे, और 28% ने ड्रोन से अपने शादी समारोह के खूबसूरत दृश्य कैद किए। ये तकनीकी विकल्प न केवल आधुनिक और व्यक्तिगत हैं, बल्कि समारोहों को और भी खास बनाते हैं। लाइव स्ट्रीमिंग, क्यूआर कोड के जरिए मेहमानों की एंट्री और एआई-निर्मित वचन जैसी सुविधाएं शादियों में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम पेश कर रही हैं।

जीरो-वेस्ट शादियों का बढ़ता चलन: पर्यावरण का ख्याल
पर्यावरण संरक्षण अब शादियों का भी हिस्सा बन गया है। कपल्स अब जीरो-वेस्ट शादियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जहां पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाए जाते हैं। सूखे फूल, सौर लालटेन, रिसाइकिल किए गए कागज के निमंत्रण और इको-फ्रेंडली गिफ्ट्स का चलन बढ़ रहा है। सजावट में बार-बार उपयोग होने वाले सामानों का चयन और सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल कर, कपल्स अपने खास दिन को पर्यावरण के अनुकूल बना रहे हैं।

मिलेनियल्स कपल्स अपनी शादी को सिर्फ एक उत्सव तक सीमित नहीं रखते, बल्कि इसे समाज सेवा का माध्यम भी बना रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि हर दस में से एक जोड़ा अपनी शादी की धनराशि का एक हिस्सा दान कर, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। ये ट्रेंड्स दिखाते हैं कि आज की शादियां केवल पारंपरिक रस्मों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे व्यक्तिगत, टिकाऊ और सामाजिक रूप से जागरूक भी बन रही हैं।

बजट के अनुसार बदलता है शादी समारोह का स्वरूप
आजकल शादियों में खर्च की योजना बजट पर आधारित हो रही है, जिसमें हर परिवार अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार तैयारी कर रहा है। शोध से पता चला कि 46% लोग 10 लाख रुपये तक के बजट में अपनी शादी करने की योजना बना रहे हैं, जो साधारण लेकिन खास समारोहों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। 30% लोग 10 से 25 लाख रुपये के बीच खर्च करके अधिक विस्तृत और भव्य कार्यक्रमों का विकल्प चुन रहे हैं। वहीं, 9% ने 25 से 40 लाख रुपये का बजट तय किया है, जिसमें प्रीमियम अनुभव और शानदार आयोजन शामिल हैं। इसके अलावा, 9% ने 45 लाख रुपये से अधिक का खर्च करने की योजना बनाई है, जो बड़ी और आलीशान शादियों की ओर बढ़ते रुझान को दिखाता है। शादी समारोहों में अब परिवार और दोस्तों की अधिक भागीदारी देखी जा रही है। लोग सजावट, व्यंजनों और अन्य तैयारियों में मिलकर काम कर रहे हैं। यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण न केवल खर्च को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उत्सव को और भी व्यक्तिगत और खास बनाता है।

आज की भारतीय शादियां तकनीक और पारंपरिकता का अनूठा संगम बन गई हैं। लोग अपने बजट और जरूरतों के अनुसार आयोजन स्थलों का चयन कर रहे हैं। विंधम होटल्स की व्यापक संपत्तियां युगलों को अपनी पसंद का आयोजन स्थल चुनने में मदद कर रही हैं। चाहे वह उदयपुर जैसा शानदार स्थान हो, दार्जिलिंग जैसी शांत जगह, या फिर अपना घर, हर शादी को खास और यादगार बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

विंधम होटल्स के अध्यक्ष, दिमित्रिस मनिकिस ने कहा “विंधम में हम जोड़ो को उनके खास दिन को यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे उदयपुर जैसी लोकप्रिय जगह में शादी करना चाहते हों या फिर दार्जिलिंग की खूबसूरत वादियों में या अपने शहर में, हमारा मानना है कि हर शादी अनोखी होती है। और हमारी यही कोशिश है कि हम हर युगल के सपनों को साकार करने में मदद करें। चाहे वे परंपरागत या आधुनिक जगह का चयन करें, विंधम के पास हर प्रकार के आयोजन के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जो हर शादी को यादगार और अर्थपूर्ण बनाते हैं।”

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