टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। मुंबई की एक प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता गौरी सावंत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और एचआईवी/एड्स से प्रभावित लोगों के जीवन में बदलाव ला रही हैं। उनकी प्रभावशाली यात्रा सुष्मिता सेन अभिनीत वेब-सीरीज़ “ताली” में देखने को मिली। इस कहानी के पीछे दूरदर्शी फिल्म निर्माता अफीफा नाडियाडवाला की सालों की मेहनत है, जो इस सीरीज के माध्यम से रंग लाई।
साल 2019 में अफ़ीफ़ा नाडियाडवाला गौरी सावंत से मिलीं और उनकी कहानी को सुनते ही प्रभावित हो गईं। यह मुलाक़ात से एक यादगार यात्रा का आरंभ हुआ, जो “ताली” वेब सीरीज़ के रूप में तब्दील हुई। अफ़ीफ़ा ने न केवल एक ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट के रूप में गौरी को पहचाना बल्कि एक महिला और एक माँ के रूप में उनकी भूमिकाओं को भी मान्यता दी। इसी समझ ने “ताली” में जान फूंक दी।
अफ़ीफ़ा नाडियाडवाला का योगदान महज प्रोडक्शन तक ही सीमित नहीं रहा। वह महत्वपूर्ण कहानियाँ कहने के अपने समर्पण के लिए जानी जाती हैं। “ताली” सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं है यह प्रभावशाली कहानियों को उजागर करने के लिए अफीफा की प्रतिबद्धता है। अफ़ीफ़ा का काम उन लोगों को प्रभावित करता है, जो अपने देखने के नज़रिए में प्रामाणिकता और सार का गुण चाहते हैं।
अफ़ीफ़ा नाडियाडवाला के आगामी प्रोजेक्ट्स का बेसब्री से इंतजार है। विचारपूर्ण कहानियाँ कहने की अफ़ीफ़ा की क्षमता दर्शकों को उनका प्रशंसक बना देती है। इसी के चलते “ताली” में उनकी भागीदारी उन्हें फिल्म निर्माण की दुनिया में एक ताकत के रूप में स्थापित करती है।