टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । नई दिल्ली : बॉलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अपनी निजी जिंदगी को कैमरे और मीडिया की नजरों से दूर ही रखते आए हैं, लेकिन शादी और विवाद को लेकर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सच को सामने लाना मुनासिब समझा। ऐसे में वकील नदीम जफर जैदी और राष्ट्रीय हिंदू—मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रिहान खान ने उनके जिंदगी की व्यक्तिगत बातें मीडिया से साझा करने की जम्मिेदाीर उठाई। सोमवार को इसी मसले पर राजधानी के पंचतारा होटल ली—मेरीडियन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें एडवोकेट नदीम जफर जैदी के साथ रिहान खान ने नवाजुद्दीन सिद्दिकी का पक्ष और उनकी पूर्व पत्नी (जिससे उनका तलाक हो चुका है) का काला चिट्ठा खोला।
एडवोकेट नदीम जफर जैदी ने कहा कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अपना पति बताने वाली आलिया सिद्दिकी उर्फ़ अंजली उर्फ गायत्री उर्फ़ कामाक्षा उर्फ़ जैनब उर्फ़ अंजना पांडे निवासी जबलपुर, यानी एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसने अपनी हैसियत बड़ा बनाने की महत्वाकांक्षा की खातिर अनुचित और गैरकानूनी कृत्य कर डाला। इस लड़की का असली नाम अंजना किशोर पाण्डे, पुत्री आनंद किशोर पाण्डे हैं। अंजना का जन्म 18 अप्रैल, 1979 को हुआ है, लेकिन पासपोर्ट में इनकी आयु 18 अप्रैल, 1982 दर्ज है। अंजना का विवाह 28 अप्रैल, 2001 को मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी विनय भार्गव, जो रेलवे विभाग में टिकट कलेक्टर हैं, के साथ हुआ है। विनय भार्गव के साथ शादीशुदा होते हुए भी अंजना पांडे ने मार्च 2010 में नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ जैनब बनकर विवाह कर लिया, जबकि अंजना और विनय भार्गव का तलाक़ नहीं हुआ, जबकि अप्रैल 2011 में नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ इनका तलाक़ हो चुका था। एक फेसबुक यूजर की पोस्ट के अनुसार अंजना ने राहुल नामक व्यक्ति के साथ 2008-2009 में एक और प्रेम—विवाह किया था और दोनों मुंबई के गोरेगांव के एक फ्लैट में साथ भी रहे। अंजना की ‘बड़ा’ बनने की महत्वाकांक्षा के कारण इन्होंने एक गिरोह बनाया, जिसमें अंजना की एक बहन अर्चना पांडे भी शामिल है। अंजना पांडे मुंबई में रहकर अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति कर रही थीं, तो जबलपुर में विनय भार्गव ने अंजना की बहन को अपने पास रखकर उससे शादी रचा ली। अर्चना भार्गव पहले से ही राजकुमार शुक्ला की पत्नी हैं और दोनों में तलाक़ भी नहीं हुआ था। विनय भार्गव ने अंजना का नाम अपनी पत्नी के रूप में रेलवे विभाग में भी दर्ज़ कराया और फिर अर्चना के साथ शादी करने के बाद उसका नाम भी रेलवे विभाग में दर्ज कराने की कोशिश की, जो रेलवे विभाग के रिकॉर्ड की छानबीन के दौरान पता चला। तीनों ने मिलकर रेलवे विभाग के साथ भी छल किया और रेलवे की सुविधाओं का लाभ पाया। सारे सबूत साथ में संलग्न हैं।