टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। ताहा शाह बदुशा असल जिंदगी में चाहे जितने भी चार्मिंग क्यों न हों, लेकिन उनकी अगली फिल्म ‘पारो – द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ ब्राइड स्लेवरी’, उनके बारे में आपकी धारणा को पूरी तरह से बदल देगी, उनका किरदार ऐसा है कि दर्शक पहले उन्हें नापसंद करेंगे, फिर उनसे सहानुभूति रखने लगेंगे। यह फिल्म पारो दुल्हनों की दुर्दशा को सामने लाती है, जिन्हें मोल्की दुल्हन के नाम से भी जाना जाता है, जो दुल्हन खरीदने और गुलामी के जहरीले चक्र में फंस जाती हैं।
यह फ़िल्म मशहूर मराठी अभिनेत्री, निर्माता, लेखिका, निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति भोईर के विचार पर आधारित है। फ़िल्म को 2024 के प्रतिष्ठित कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया, जहाँ इसे ज़बरदस्त सराहना मिली। फ़िल्म की परिकल्पना करने वाली तृप्ति भोईर ने इसमें मुख्य भूमिका भी निभाई है। इसे दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके निर्देशक गजेंद्र अहिरे ने निर्देशित किया है, जिन्होंने 2003 में ‘नॉट ओनली मिसेज राउत’ और 2006 में ‘शेवरी’ जैसी सराहनीय मराठी फ़िल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। इस फ़िल्म का निर्माण संदेश शारदा ने किया है।
फ़िल्म में ताहा शाह बदुशा राशिद की भूमिका निभा रहे हैं, जो चांद के पतियों में से एक है। उन्हें शुरुआत में एक निर्दयी व्यक्ति के रूप में दिखाया गया, उसके किरदार को अंततः ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जो उसके अंतरात्मा में बदलाव लाती हैं और उसे अपने कर्मों के लिए प्रायश्चित करने के लिए प्रेरित करती हैं। फ़िल्म के बारे में बात करते हुए ताहा शाह ने कहा, “पारो एक ऐसी फ़िल्म है जिसने मुझे पहली बार सुनते ही गहराई से प्रभावित किया। मैं ऐसे किरदार निभाना चाहता हूं जो दर्शकों से जुड़ें, जागरूकता फैलाएं और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा दें। मैं चाहता हूं कि मेरे निभाए किरदार दर्शकों के दिलों को छू सकें, और पारो में मेरा किरदार भी ऐसा ही है। अब तक जिन लोगों ने यह फ़िल्म देखी है, वे इसकी कहानी से बेहद प्रभावित और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, और यही हमारी पूरी टीम का मकसद था।”
फ़िल्म को हाल ही में लॉस एंजिल्स फ़ैशन वीक के सहयोग से अकादमी एलए में प्रदर्शित किया गया, जहाँ फ़िल्म की निर्माता तृप्ति भोईर ने एलए फ़ैशन क्लोसेट के साथ मिलकर TARPA ट्राइब्स को लॉन्च किया, जो तृप्ति भोईर और उनके संगठन शेल्टर फ़ाउंडेशन द्वारा बनाया गया एक ब्रांड है, जो भारत के महाराष्ट्र के पालघर के दूरदराज के गाँवों की आदिवासी महिलाओं को रोज़गार, आश्रय और कौशल विकास प्रदान करता है। दुनिया भर के फ़िल्म समारोहों में आलोचनात्मक प्रशंसा बटोरने वाली पारो को भारत में 2025 की दूसरी छमाही में रिलीज़ की जाएगी।