Today Express News / Ajay Verma / चंडीगढ़, 9 जून। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अनुसंधान कार्यों को पुन: शुरू करने को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को राजभवन में हरियाणा के महामहिम राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात की और प्रदेश के अन्य कई विषयों पर उनसे विस्तारपूर्वक चर्चा की। उपमुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालयों में कृषि और पशुपालन पर हो रहे शोध कार्यों पर विपरीत असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद विश्वविद्यालयों में खासकर स्नातकोत्तर और पीएचडी करने वाले शोध के छात्रों के लिए प्रयोगशालाएं खुलवाना जरूरी है ताकि उनकी अब तक की रिसर्च व्यर्थ ना चली जाए।
महामहिम राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते आज तमाम विश्वविद्यालय बंद है और इसके चलते सभी रिसर्च कार्य बाधित हो रहे है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर पिछले दिनों छात्र इकाई इनसो की एक बैठक बुलाकर छात्रों के साथ चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल हैं इसलिए विश्वविद्यालयों में बाधित हुए शोध कार्यों और उनके कृषि व पशुपालन क्षेत्र में पड़े प्रभावों को महामहिम के संज्ञान मे लाया गया।
उन्होंने कहा कि खासकर स्नातकोत्तर और पीएचडी करने वाले शोध के छात्रों को विश्वविद्यालयों में वापिस लाना जरूरी है क्योंकि बाधित शोध के कारण शोधकर्ताओं की सालों की मेहनत बेकार जा सकती है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस विषय पर उनकी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के वाईस चांसलर से भी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों के कैम्पस में विदेशी छात्र मौजूद है लेकिन हमारे प्रदेश के छात्र जो गेहूं, धान, पशुधन पर शोध कर रहे थे वो लॉकडाउन की वजह से अपने-अपने घर चले गए। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से शोध के कार्यों पर गलत असर पड़ रहा है। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस विषय पर महामहिम राज्यपाल ने कहा है कि वे तमाम विश्वविद्यालयों से चर्चा करके इस पर उचित निर्णय लेंगे।
विश्वविद्यालयों को खोलने तथा परीक्षाओं के सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि इसको लेकर प्रदेश सरकार एक पूरा कार्यक्रम बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगी जिसके बाद जुलाई से शुरू होने वाले अनलॉक 2 के तहत प्रदेश में विश्वविद्यालयों को खोलने पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की शिक्षा हमारे लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते छात्रों की जो शिक्षा प्रभावित हुई है उसके लिए अन्य राज्यों की तरह हरियाणा में भी सेमेस्टर सिस्टम को छोटा तथा परीक्षाओं की तारीखों में बदलाव किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रों की परीक्षाओं को लेकर तमाम शिक्षण संस्थान छात्रों से विचार-विमर्श करें।
वहीं देश व प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा सभी राज्य सरकारें मिलकर पिछले सवा दो महीने से कोरोना के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रही है और इसके चलते देश में कोरोना महामारी से बचाव के प्रति जागरूकता फैली है। उन्होंने तमाम देश व प्रदेशवासियों से अपील की कि सभी लॉकडाउन के दौरान फैली जागरूकता को आगे बढ़ाते हुए कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूत करें। साथ ही उन्होंने कहा कि रियायतें मिलने के बाद सभी ने अपने-अपने कामकाज शुरू कर दिए है इसलिए सावधानी बरतते हुए सामाजिक दूरी का पालन, मास्क, सेनेटाइजर आदि का प्रयोग जरूर करें।
इनेलो नेताओं की ओर से जेजेपी पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में पत्रकारों के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला काली भेड़ कहा करते थे और जिन्होंने 5 साल तक विधानसभा के पटल पर ओमप्रकाश चौटाला जी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया, ऐसे लोगों को आज इनेलो अपने संगठन में शामिल करने को मजबूर है। उन्होंने जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह की बात को दोहराते हुए कहा कि जेजेपी विस्तार और बदलाव के नए दौर में जा रही है और राष्ट्रीय, प्रदेश से लेकर हलका स्तर तक आवश्यकता अनुसार बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बरोदा उपचुनाव, जिलापरिषद नगरपालिका या नगरपरिषद के आगामी चुनावों में जननायक जनता पार्टी बढ- चढ़कर हिस्सा लेगी।
सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चुनाव की घोषणा होने पर भाजपा और जेजेपी मिलकर तय करेंगे कि वहां से किसे उम्मीदवार बनाया जाए। उन्होंने याद दिलाया कि बरोदा हलके में जननायक चौधरी देवीलाल की सोच वाली पार्टी का हमेशा दबदबा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले आम विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेजेपी उम्मीदवारों के लगभग बराबर ही वोट आए थे और जो भी उम्मीदवार अब आम सहमति से उतारा जाएगा, उसका परिणाम बरोदा की जनता के हित में रहेगा।