टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । फरीदाबाद: अगस्त 29, 2023: महिलाएं केवल जननी ही नहीं है, जरूरत पड़ने पर अपने भाई, पिता, बच्चों को बचाने के लिए अंग दान कर जीवनदाता भी बनती हैं। रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर बहन भाई को राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है और भाई उसकी रक्षा करने का वचन लेता है लेकिन फरीदाबाद सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में एक ऐसा मामला आया, जहाँ रक्षाबंधन से पहले एक बहन ने अपने लिवर का हिस्सा दान कर भाई की जान बचाई है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. पुनीत सिंगला ने बताया कि जब लिवर की एंड स्टेज बीमारी से ग्रस्त पंजाब निवासी 40 वर्षीय बूटा सिंह हमारे पास लाया गया तो उस समय मरीज बेहद गंभीर हालत में था।
मरीज पूरी तरह होश में नहीं था, लो ब्लड प्रेशर था और पेशाब भी कम आ रहा था। जाँच करने पर पता चला कि मरीज को गंभीर पीलिया और पेट में पानी भरा हुआ था। उसके शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर थीं। साथ ही किडनी संबंधित समस्या भी थी। वह पिछले 2-3 साल से इस बीमारी से जूझ रहा था। ठीक से इलाज न होने के कारण मरीज की जान को खतरा बढ़ रहा था। ऐसी स्थिति में तुरंत लिवर ट्रांसप्लांट एकमात्र ऑप्शन होता है। जिंदगी और मौत से लड़ता देख मरीज की पत्नी लिवर देने आगे आई लेकिन वह लिवर डोनेट करने के लिए फिट नहीं थी। हालात बिगड़ते देख मरीज की बड़ी बहन 45 वर्षीय शरणजीत कौर आगे आईं। मेडिकल फिट होने पर बहन ने स्वेच्छा से भाई को लिवर का एक हिस्सा दिया और फिर मरीज का सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। स्वस्थ होने पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. पुनीत सिंगला ने कहा कि लिवर ट्रांसप्लांट करने में लगभग 10 घंटे का समय लगा। ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज ने तेजी से रिकवरी की। मरीज अब पूरी तरह ठीक है और चल-फिर रहा है। डोनर भी पूरी तरह से स्वस्थ है। जिन मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, उन्हें समय पर लिवर ट्रांसप्लांट करने से फायदा होता है। वे सामान्य जीवन जी सकते हैं। बता दें कि डोनर से मरीज में लगाया जाने वाला लिवर का हिस्सा आकार में बढ़ जाता है और डोनर के शरीर में बचा लिवर का हिस्सा भी फिर से बढ़ जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है जो फिर से आकार में बढ़ जाता है। इस खासियत के कारण ही लिवर ट्रांसप्लांट प्रोसीजर किया जाता है।
बूटा सिंह (मरीज) ने उसे जीवन का सर्वोत्तम उपहार देने के लिए अपनी बहन का आभार व्यक्त किया। उसके कहा कि ‘‘मैं उसके जैसी बहन पाकर स्वयं को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ। उसने मुझे जीवन में दूसरा मौका दिया है। यह रक्षाबंधन मेरे लिए बहुत खास है।‘’ मरीज ने लिवर ट्रांसप्लांट प्रोसीजर सफलतापूर्वक करने और उसकी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए डॉ. पुनीत सिंगला और मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स का भी धन्यवाद किया।