चंडीगढ़, 5 सितंबर। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार एक श्रेष्ठ औद्योगिक नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देने में जुटी है। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति उद्योगपतियों के लिए हितकारी हो, प्रदेश में निवेश और रोजगार बढ़े, इसके लिए प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, विभिन्न सरकारी विभागों, उद्योगपतियों सहित उद्योग जगत से जुड़ी संस्थाओं के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। उन्हें अपने सुझाव देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया गया है। चंडीगढ़ में हरियाणा निवास पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला मीडिया से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि इस “हरियाणा इंटरप्राइजिज प्रमोशन पॉलिसी-2020” को अंतिम रूप देने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। इस बार हुई बैठक में भी नई उद्योग नीति को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के लिए और अधिक माकूल माहौल उपलब्ध के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2020 से 2025 तक की नई उद्योग नीति बनाई जा रही है जिसे अगले माह तक लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से विधायकों, सांसदों और प्रदेश की सभी औद्योगिक एसोसिएशनों के साथ-साथ फिक्की, एसोचैम जैसी राष्ट्रीय स्तर की औद्योगिक एसोसिएशनों से 8 सितंबर तक अपने सुझाव देने के लिए आग्रह किया गया है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्राथमिकता के तौर पर सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में खासतौर पर थ्रस्ट सेक्टर के साथ-साथ आयात की जानी वाली वस्तुओं से जुड़ी यूनिटों को अपने राज्य में ही स्थापित किया जाए और सरकार नई उद्योग नीति में इस पर पूर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि इस नई पॉलिसी के जरिए हरियाणा में इसी तरह के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि आयात को कम से कम करके निर्यात को बढ़ाया जा सके। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो ऐरो-स्पेस और एविएशन को भी थ्रस्ट सेक्टर के तौर पर फोकस करके अपनी नई उद्योग नीति में आगे लेकर जाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिसार में हवाई अड्डा प्रोजेक्ट पर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार तेजी से काम कर रही है।
उन्होंने मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़े बल्क ड्रग्स पार्क का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा उन अग्रणी राज्यों में से होगा जो अपने सभी 22 जिलों को विभिन्न क्लस्टरों में बांटकर औद्योगिक इकाइयों को आगे लेकर आने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इसी तरह ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों को जोड़ा जाएगा और प्रदेश सरकार फैक्ट्रियों को क्लस्टर एप्रोच के साथ जोड़ने पर उन्हें अतिरिक्त लाभ देगी।