रिताभरी चक्रवर्ती बनी बंगाली फिल्मों में वीमेन सेंट्रिक फिल्म्स की पायनियर।

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट मोक्ष वर्मा । ऐसे समय में जहा लिंग प्रतिनिधित्व एक बहुत बड़ा विवाद है, वहा रिताभरी ऐसे प्रोजेक्ट्स का चयन कर रहीं हैं जो केवल महिलाओं पर केंद्रित हैं। स्ट्रांग फीमेल कैरेक्टर्स का चित्रण करने हेतु उनकी प्रतिबद्धता ऑडियंस और क्रिटिक्स दोनों की सराहना का कारण बन रहा है।

अपनी जर्नी के बारे में बताते हुए रिताभरी ने कहा “मैं परिवर्तनकारी सिनेमा में विश्वास करती हूँ और ऐसी कहानियाँ लाना चाहती हूँ, जो महिलाओं को सशक्त बनाती हैं। यह मेरा शौभाग्य है कि मुझे ‘ब्रह्मा जनेन गोपोन कॉममोट’ का हिस्सा बनने का मौका मिला, जिससे दर्शक अपने आपको जोड़ सकते हैं और जो लैंगिक समानता के बारे में खुलकर बात करतीं है। विंडोज की टीम को मेरा बहुत शुक्रियादा जिनकी वजह से मैं दोबारा ऐसा कर सकती हूँ।

उनकी पिछली फिल्म “ब्रह्मा जनेन गोपोन कॉममोट”, एक धार्मिक संदर्भ में महिलाओं के जीवन और संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है, इसके प्रगतिशील आख्यान और प्रदर्शन के लिए प्रशंसा प्राप्त करती है। फ़िल्म के द्वारा दिए हुए संदेश और इसके उल्लेखनीय बॉक्स-ऑफिस सक्सेस में बहुत बड़ा योगदान देती है। रिताभरी की हालिया रिलीज फ़िल्म ‘फटाफटी’ इस समर की हाईएस्ट ग्रोसिंग फ़िल्म बनने की कगार पर है।

फटाफटी ‘ब्रह्मा जेनेन गोपोन कॉममोट’ की टीम द्वारा ही निर्मित फ़िल्म है, जिसमें डायरेक्टर अरित्रा मुखर्जी, राइटर जीनिया सेन, प्रोड्यूसर डुओ शिभोप्रसाद मुखर्जी और नंदिता रॉय शामिल हैं।

रिताभरी की असाधारण प्रतिभा और मीनिंगफुल स्ट्रीटेललिंग के प्रति बंगाली सिनेमा में एक पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए उनका समर्पण उन्हें एक ट्रू ट्रेंडसेटर और उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करता है।

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