टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट मोक्ष वर्मा । डायरेक्टर आनंद एल राय की क्लासिक लव स्टोरी “रांझणा” साल 2013 में रिलीज़ हुई रोमांटिक ड्रामा ने इसकी शैली को फिर से परिभाषित किया है। एक दशक के बाद भी यह फ़िल्म दर्शकों की मनपसंद लव स्टोरी है। सभी शैलियों के उस्ताद कहे जाने वाले डायरेक्टर आनंद एल राय ने इस फ़िल्म को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं इसकी सफलता में उनका बहुत बड़ा योगदान है। साउथ फिल्मों का क्रेज तो दर्शकों के बीच काफी भारी मात्रा में देखने को मिलता है लेकिन आनंद ने इस फ़िल्म से दो इंडस्ट्री को साथ लाने का निर्णय लिया और धनुष का इस फ़िल्म से हिंदी डेब्यू करना इसकी सफलता का प्रमाण है।
पिछले वर्षों में यादगार रोमांटिक फिल्मों के निर्माण में कमी देखी गई है, जिससे दर्शकों को उन कहानियों को देखने के लिए इंतज़ार करना पड़ा है। जो प्यार की जटिलताओं को दर्शाती हैं और फैंस के दिल में अपनी विशेष जगह बनाती हैं। रांझणा वास्तविकता और रहस्य के अपने जादुई मिश्रण के साथ एक अमूठी प्रेम कहानी के रूप में खड़ी है। कोई भी लव स्टोरी दिल को छू लेने वाले म्यूजिक के बिना अधूरी है और रांझणा इस पहलू में भी उत्कृष्ट है। ए.आर. रहमान द्वारा कंपोज़ फ़िल्म के साउंडट्रैक ने “तुम तक” और “पिया मिलेंगे” जैसे गीतों के साथ, जो रिलीज़ होते ही क्लासिस घोषित कर दिए गए और आज तक अपूरणीय हैं। इस फ़िल्म के लिए आनंद एल राय और ए. आर रहमान ने पहली बार साथ में हाथ मिलाया था।
आनंद एल राय की फिल्मोग्राफी की बात करें तो उसमें तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, अतरंगी रे, गुडलक जेरी, एन एक्शन हीरो, हैप्पी भाग जाएगी, न्यूटन और तुंबाड़ जैसी फिल्में शामिल हैं। आनंद ने भारतीय सिनेमा को सबसे यादगार, शक्तिशाली और प्रतिष्ठित फिल्मों का खजाना दिया है। फिल्म एक छोटे से शहर में जीवन की रोज़मर्रा की वास्तविकताओं को खूबसूरती से जोड़ती है और आनंद एल राय का ईगल आई डायरेक्शन इस वास्तविकता को 70मम स्क्रीन पर दर्शाने में सफल रहा।
रांझणा हमारे समय की सबसे पसंदीदा लव स्टोरीज़ में से एक है। यह फ़िल्म हमेशा सिनेमाई परिदृश्य का हिस्सा रहेगी। फ़िल्म में सोनम और धनुष की जोड़ी को लोग आज भी खूब पसंद करते हैं।