टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ | 18 फरवरी 2025: भारत के ग्रामीण वित्तीय संस्थानों (Rural Financial Institutions-आरएफआई’ज़) की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए साइबर सुरक्षा समाधान में अग्रणी वैश्विक कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज ने बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट (Bankers Institute of Rural Development – बर्ड), लखनऊ के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस सहयोग को 13 जनवरी 2025 को एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिस पर क्विक हील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विशाल साल्वी और बर्ड लखनऊ के निदेशक श्री निरुपम मेहरोत्रा ने हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी ग्रामीण वित्त क्षेत्र में बढ़ते साइबर खतरों से निपटने और एक मजबूत डिजिटल प्रणाली बनाने के उद्देश्य से की गई है, जिससे सुरक्षित वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
क्विक हील की तीन दशकों की साइबर सुरक्षा विशेषज्ञता और भारत की सबसे बड़ी मैलवेयर विश्लेषण सुविधा सेक्रिटे लैब्स के अनुभव का लाभ उठाकर, यह साझेदारी ग्रामीण वित्तीय संस्थानों को सुरक्षित करने पर केंद्रित होगी। इस सहयोग के तहत बर्ड लखनऊ में एक अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा लैब स्थापित की जाएगी, जो व्यावहारिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई होगी। इस पहल के तहत दोनों संस्थाएं मिलकर शोध करेंगी ताकि यह समझा जा सके कि आरएफआई’ज़ में साइबर सुरक्षा उपायों को कितना अपनाया जा रहा है। साथ ही, उनके तकनीकी बुनियादी ढांचे का विश्लेषण किया जाएगा और संस्थानों में मौजूद कौशल की कमी को पहचाना जाएगा।
साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचाव के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए जाएंगे और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे वित्तीय संस्थानों को डिजिटल खतरों से बचने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल मिल सके। इस साझेदारी के तहत नीति निर्माण में सहयोग दिया जाएगा, जिससे साइबर सुरक्षा उपायों को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा अभ्यास (साइबर ड्रिल्स) आयोजित किए जाएंगे ताकि यह जांचा जा सके कि आरएफआई’ज़ उभरते साइबर खतरों से निपटने के लिए कितनी तैयार हैं। इसी के साथ, एक नॉलेज एक्सचेंज प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जहां साइबर सुरक्षा और ग्रामीण वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञ और हितधारक एक-दूसरे से जुड़ सकें और अपने अनुभव साझा कर सकें।
यह पहल न केवल आरएफआई’ज़ को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण वित्तीय प्रणाली को भी अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाएगी। इससे डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा का स्तर और अधिक सशक्त होगा।
क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सीईओ श्री विशाल साल्वी ने कहा, “जैसे-जैसे डिजिटल बदलाव ग्रामीण भारत में अपनी जड़ें जमा रहा है, वैसे-वैसे वित्तीय संस्थानों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और भी जरूरी हो गया है। भले ही इन संस्थानों में लेन-देन की रकम तुलनात्मक रूप से कम हो, लेकिन साइबर हमले का असर काफी बड़ा हो सकता है। इसीलिए बर्ड के साथ हमारी यह साझेदारी ग्रामीण वित्त की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम है। क्विक हील को साइबर खतरों से संस्थानों की सुरक्षा करने में दशकों का अनुभव है, और जब यह अनुभव बर्ड की ग्रामीण वित्त क्षेत्र में गहरी समझ के साथ जुड़ता है, तो इससे एक ज्यादा सुरक्षित और मजबूत वित्तीय व्यवस्था तैयार होती है। हमारे शोध अध्ययन, साइबर सुरक्षा लैब और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए हम आरएफआई’ज़ को जरूरी उपकरण, रणनीतियाँ और जानकारी मुहैया कराएंगे, ताकि वे डिजिटल दौर में सुरक्षित और सशक्त बने रहें। हमारा लक्ष्य है कि साइबर सुरक्षा को वित्तीय समावेशन का एक मजबूत स्तंभ बनाया जाए।”
बर्ड लखनऊ के निदेशक श्री निरुपम मेहरोत्रा ने कहा, “क्विक हील टेक्नोलॉजीज के साथ हमारा सहयोग ग्रामीण वित्तीय संस्थानों के डिजिटल बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में क्विक हील की बेहतरीन विशेषज्ञता के साथ हम आरएफआई’ज़ की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे और अपने प्रशिक्षण एवं नीति-निर्माण कार्यक्रमों में आधुनिकतम तकनीकों को शामिल करेंगे। इस साझेदारी के तहत साइबर सुरक्षा लैब, साइबर अभ्यास और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। हमारा मकसद है कि आरएफआई’ज़ को भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार किया जाए, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ डिजिटल चुनौतियों का सामना कर सकें, ग्रामीण समुदायों के वित्तीय हितों की रक्षा कर सकें और समग्र रूप से ग्रामीण विकास में योगदान दे सकें।”
यह समझौता अगले तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा। इसमें दोनों संस्थानों की यह साझा प्रतिबद्धता होगी कि वे ऐसे कार्यक्रम विकसित और लागू करें, जो आरएफआई’ज़ की साइबर सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सकें। यह साझेदारी न केवल क्विक हील के सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने के मिशन को मजबूत करती है, बल्कि ग्रामीण भारत की वित्तीय संस्थाओं को सशक्त बनाने में बर्ड की भूमिका को भी समर्थन देती है।