*कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में नोब्रोकरहुड की 10 सोसाइटीज से 25 हजार किलोग्राम से ज्यादा कपड़े इकट्ठा किए और इन कपड़ों को अलग-अलग एनजीओ के जरिए गरीब बच्चों को बांटा गया
टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । 30 जनवरी, 2023 : भारत के पहले प्रॉपटेक यूनिकॉर्न NoBroker.com ने नए साल पर खुशियां फैलाने के लिए, हाल ही में दिल्ली-एनसीआर की नोब्रोकरहुड सोसाइटीज में कपड़े दान करने का एक महीने लंबा अभियान चलाया। इस अभियान का आगाज़ #DoGoodWithNoBrokerHood कैंपेन की शुरुआत के लिए किया गया। इस अभियान के तहत नोब्रोकरहुड की 10 सोसाइटीज से 25 हजार किलोग्राम से ज्यादा गर्म कपड़े इकट्ठे किए। कंपनी ने इन कपड़ों को सुविधा से वंचित बच्चों को बांटने के लिए कई एनजीओ के साथ साझेदारी की।
दिल्ली-एनसीआर में यह अभियान बहुत ही चुनौतीपूर्ण ठंड के मौसम में शुरू किया गया। यह कार्यक्रम तीन वीकेंड में विभिन्न चरणों में चलाया गया। नोब्रोकर ने “पैकर्स एंड मूवर्स” सर्विस का इस्तेमाल कर पूरे कार्यक्रम के लॉजिस्टिक्स का काम संभाला। रेजिडेंशियल सोसाइटीज के नोब्रोकरहुड यूजर्स ने इस अभियान को सहयोग करने के लिए स्वेच्छा से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
पहले चरण में, यह अभियान दिल्ली-एनसीआर में चलाया गया। नोब्रोकरहुड की इस तरह का अभियान कई शहरों में शुरू करने की योजना है, जहां इसकी मौजूदगी है।
नोब्रोकर के सीईओ और सहसंस्थापक अमित अग्रवाल ने इस घोषणा पर कहा, “गर्म कपड़े एक जरूरत है। हर साल काफी कपड़े बेकार हो जाते हैं। अब जब शहरों का ज्यादा से ज्यादा नगरीकरण होता है और वह शहर की संस्कृति में ढलते जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में लोगों को इस्तेमाल किए गए पुराने कपड़ों को किसी को देना या उसका निपटारा करने के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। हम इस दिशा में सामूहिक प्रयास करना चाहते हैं, जिससे समाज पर इसका बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़े। अब जब इतनी कड़ाके की कंपकंपाने वाली सर्दी पड़ रही है तो इन गर्म कपड़ों को बांटने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था। गरीबों को कपड़े दान देने का अभियान उन कई सीएसआर कार्यक्रमों का हिस्सा था, जो हमने हाल ही में इससे पहले चलाई थीं।”
उन्होंने कहा, “हम एक लंबे समय के बाद त्योहारों और तरह–तरह के कार्यक्रमों को उल्लास और उमंग से मना रहे हैं। हालांकि, इन त्योहारों और महत्वपूर्ण अवसरों पर हम अपने दोस्तों और परिवार को तरह-तरह के उपहार बांटते हैं। ऑफिस और स्कूलों में किसी को बताए बिना सीक्रेट सांता बनते हैं। हम इस बार उन गरीब लोगों के लिए कुछ खास करना चाहते थे, जिनके पास जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी है। हम इस कार्य में नोब्रोकरहुड सोसाइटीज में उत्साही लोगों से मिले रेस्पॉन्स से काफी प्रोत्साहित हुए। हमने यह काम डोनेशन और स्वयंसेवकों के सहयोग से किया।”