प्लास्टिक का प्रयोग और व्यावसायिक गतिविधियों के कारण फैल रहा है प्रदूषण -डॉ एमपी सिंह

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Pollution is spreading due to use of plastic and commercial activities - Dr. MP Singh

Today Express News / Ajay Verma / देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि  सकारात्मक बदलाव लाने हेतु पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग युक्त वातावरण को शुद्ध करने हेतु तथा लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए हमें अपने आसपास मकान दुकान स्कूल कॉलेज नगर कस्बे शहर सार्वजनिक स्थानों की साफ सफाई रखनी चाहिए तथा अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर उसकी देखभाल यानी परवरिश करनी चाहिए ताकि उनकी शुद्ध हवा आम आदमी को मिल सके आज कोरोनाकॉल में शुद्ध हवा प्राप्त करने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़े हैं लेकिन फिर भी मानव जीवन को नहीं बचाया जा सका है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि दूषित पर्यावरणीय स्थितियों को देखते हुए पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1972 में की गई थी ताकि जागरूकता के द्वारा बढ़ते दुष्प्रभाव को रोका जा सके और संस्थाओं और व्यक्तियों की साझेदारी से प्रदूषण की समस्या पर काबू पाया जा सके इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि मानवीय गतिविधियों तथा विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रिया मैं मानव के हस्तक्षेप के कारण पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति तथा उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए पर्यावरण से संबंधित सामान्य जानकारियां तथा मानव एवं पर्यावरण के बीच संबंधों के बारे में जानकारियां प्रदान की जाए पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने वाले सामाजिक मूल्यों तथा मनोभावों को अंतर बिष्ट किया जाए पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कौशल विकसित किया जाए पर्यावरण का आकलन किया जाए तथा शिक्षा कार्यक्रमों का विकास भी किया जाए पर्यावरण के प्रति लोगों में जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न की जाए डॉ एमपी सिंह ने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए इसकी शुरुआत प्राथमिक स्तर के विद्यालयों से करनी चाहिए यह स्थानीय से लेकर क्षेत्रीय राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनी चाहिए वर्तमान पर्यावरण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कमेटियों का गठन करना चाहिए पर्यावरण शिक्षा प्राइमरी से मास्टर डिग्री तक अनिवार्य होनी चाहिए पर्यावरण से संबंधित समस्याओं का हल निकालने हेतु वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन किया जाना चाहिए पर्यावरण मुद्दों को हल करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान का होना बहुत जरूरी है हम सभी को पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सक्रियता से भागीदारी करनी चाहिए मुख्यतः प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए शपथ लेनी चाहिए कि हम प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेंगे क्योंकि प्लास्टिक मानव जीवन के साथ-साथ समुद्री जीवन को भी नष्ट कर रहा है अनेकों पुस्तकों के लेखक डॉ एमपी सिंह ने कहा कि लाखों पेड़ों की कटाई के कारण पर्यावरण खतरे में पड़ गया है व्यावसायिक गतिविधियों में के कारण पेड़ पौधे और कच्चे पहाड़ों को काटा जा रहा है जिसकी वजह से पक्षी और जानवर भी जीवन यापन नहीं कर पा रहे हैं उद्योग धंधों से निकलने वाला अपशिष्ट जैसे तेल गिरीश  एसिड और पेंट डीजल कांच ब्रास एलुमिनियम लकड़ी का बुरादा  बिजली का सामान  पुरानी गाड़ियों का  सामान कागज की लुगदी अखबार  कपड़ा गैस तरल पदार्थ धूल मिट्टी धूआ आदि जो पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है यह नदी के पानी तथा भू-जल को भी प्रदूषित कर रहा है किसी भी देश के विकास के लिए पर्यावरण को मध्य नजर रखना बहुत जरूरी है इस विषय पर एक पूर्ण विचार करना चाहिए और जरूरी कार्य को अति शीघ्र कर देना चाहिए उक्त विचार लेखक के स्वतंत्र विचार हैं और अपने अनुभव के आधार पर प्रस्तुत किए हैं अधिक जानकारी के लिए 9810566553 पर संपर्क करें लेखक चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन तथा कोविड-19 के कोऑर्डिनेटर है.

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