विश्व में प्लास्टिक की समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। इसे नष्ट होने में हजारों साल का समय लग जाता है। विकासशील देशों में बढ़ता प्लास्टिक का इस्तेमाल और उससे होने वाला प्रदूषण एक विशाल रूप ले रहे है। प्लास्टिक न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह हमारे ईकोसिस्टम को भी नुकसान पहुंचाता है।
क्या है ईको-ब्रिक
पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कई तरह की मुहिम चलाई हैं, जिनमें से एक है‘ईको ब्रिक’ का निर्माण है। इस निर्माण में प्लास्टिक की खाली बोतलों का उपयोग करके घर, शौचालय और दीवारें बनाई जा रही हैं। प्लास्टिक को कम करने का ये सबसे कारगर तरीका है। प्लास्टिक की इन खाली बोतलों में प्लास्टिक कचरा भरा जाता है। उसके बाद बोतलों को बंद करके ईंटों की जगह इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक की बोतलें ईंटों की तरह मजबूत और टिकाऊ होती हैं। ऐसा करके पर्यावरण को फायदा पहुंचाया जा सकता है। यह प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ लड़ने में भी मददगार साबित होगा।
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा इसी विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें यह बताया जाएगा कि इकोब्रिक्स स्थानीय क्षेत्रों की सफाई, स्कूलों और समुदायों को शिक्षित करने और समय की कसौटी पर खड़े होने वाले ढांचे बनाने के लिए एक बेहद शक्तिशाली उपकरण है।
कार्यक्रम में फरीदाबाद के डीसी यशपाल यादव, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर गोपाल आर्या, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, डीजी डॉ. एनसी वाधवा, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के बीआर भाटिया, रेड क्रॉस सोसाइटी, हरियाणा की अध्यक्ष सुषमा गुप्ता, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, हरियाणा के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा, फरीदाबाद फेडेरेशन ऑफ RWA’s के अध्यक्ष एनके गर्ग समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे।