फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह की एक ओर से नई पहल , शिकायतकर्ता को घर बैठे निशुल्क मुहैया करवाई जाएगी उसके मुकदमे के चालान (चार्जशीट) की कॉपी। अनुसन्धान अधिकारी, चालान (चार्जशीट) की कॉपी शिकायतकर्ता के घर पर बीट में तैनात पुलिस ऑफिसर के द्वारा भिजवाएगा।
मुक़दमे के चालान की कॉपी से शिकायतकर्ता/पीड़ित को अपने केस के हालात/फाइनल रिपोर्ट की मिलेगी पूरी जानकारी और वह बेहतर ढंग से अदालत में कर पाएगा अपने केस की पैरवी।
पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह के निर्देश पर शुरू की गई नई व्यस्था के तहत NIT-5 के निवासी सोनू यादव को उसके केस की चार्जशीट की कॉपी बीट ऑफिसर के द्वारा घर पर भेजी गई, जिसने ACP NIT श्री गजेंदर सिंह को फ़ोन करके नई व्यस्था के लिए पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह का धन्यवाद किया।
बीट प्रणाली लागू होने से पुलिस व पब्लिक का आपसी तालमेल बढ़ा है। लोगों को पुलिस द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन सर्विसेज व कानून के बारे में जानकारी मिल रही है। इसके साथ ही चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में बड़ी कारगर साबित हुई है।
फरीदाबाद: पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह ने अपने कार्यालय सेक्टर 21C में DCP, ACP और बीट प्रभारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान बीट प्रणाली का सदोपुयोग करने के लिए शिकायतकर्ता को चार्जशीट की कॉपी मुहैया करवाने के निर्देश दिए।
श्री ओपी सिंह ने कहा कि, अक्सर पीड़ित से यह सुनने को मिलता कि उसे उसके केस की जानकारी नहीं है कि उसके केस में क्या हो रहा है पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। इसलिय अनुसंधान की कार्यवाही में पार्दर्शिता लाने के लिए चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता को भी उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे कि पीड़ित अदालत में अपना पक्ष मे मजबूती से गवाही दे सके, और शिकायतकर्ता का पुलिस कार्यवाही पर भरोसा बने।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बीट प्रणाली पुलिस प्रशासन और जनता दोनों के लिए मददगार साबित हो रही है। बीट प्रणाली लागु करने के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। इससे पुलिस प्रशासन को भी जनता के बीच रहकर लोगों से सरोकार होने का अवसर प्राप्त हुआ है और आमजन को भी अपनी समस्याओं के लिए पुलिस प्रशासन तक अपनी शिकायतें पहुंचाने में आसानी हुई है।
साथ ही उन्होने बताया कि बीट प्रणाली लागु होने के बाद उन्हें अपने एरिया के बारे में ओर ज्यादा जानकारी मिल रही है। पुलिस को यह भी पता चल रहा है कि कौन व्यक्ति किराएदार है, कौन मकान मालिक है और उनकी क्या समस्याएं हैं। इसके साथ ही यह भी जानकारी मिल रही है की कौन भले मानुस रह रहे हैं और कौन व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है, पुलिस की नजर से बच नहीं सकते।
बीट प्रणाली लागु होने से लोगों में कानून के प्रति विश्वाश में बढ़ोतरी हुई है। आपराधिक प्रवर्ती के व्यक्तियों में कानून का भय पैदा हो गया है जिससे आपराधिक गतिविधियों में भारी कमी आई है।