‘स्तनपान जागरूकता सप्ताह’ पर हाल ही में बनी माँ और गर्भवती महिलाओं ने लिया अपने शिशुओं को स्तनपान कराने का संकल्प

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । फ़रीदाबाद: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने शिशुओं और माताओं को स्तनपान के लाभों के बारे में जागरूक कर ‘स्तनपान सप्ताह’ मनाया। हॉस्पिटल द्वारा इस पहल में भाग लेने के लिए हाल ही में माँ बनी महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को आमंत्रित किया गया। अपने छोटे नवजात शिशुओं के साथ उत्सव का हिस्सा बनने के लिए शहर भर की महिलाएं उत्सुकता के साथ हॉस्पिटल में आईं। इस दौरान इस बात पर ध्यान दिया गया कि स्तनपान कराने वाली माताएं कैसे काम पर लौट सकती हैं और फिर अपने शिशुओं की देखभाल भी ठीक से कर सकती हैं। सेशन का नेतृत्व डॉ. निशा कपूर, डायरेक्टर एवं एचओडी, स्त्री रोग और मिनिमली इनवेसिव गायनी सर्जरी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने किया। इस अवसर पर डॉ. महिमा बख्शी, एसबीओ मदर एंड चाइल्ड, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स भी उपस्थित रहीं।

गर्भावस्था जीवन का वह चरण है जिसमें एक महिला कई परिवर्तनों से गुजरती है, चाहे वह उसके शरीर में हो या दैनिक जीवन में। ख़ुशी के कई क्षण होते हैं और उतनी ही संख्या में आशंका और संदेह के क्षण भी होते हैं। गर्भ के अंदर एक नन्ही सी जान को नौ महीने तक संभालने की कठिनाई पर महिलाएं आम तौर पर उनकी गर्भावस्था के दौरान शिक्षा, क्या करें और क्या न करें, अपने और अपने अजन्मे बच्चे के लिए सुरक्षित समय अवधि सुनिश्चित करने की जानकारी की मदद से जीत हासिल कर लेती हैं। डॉक्टर प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसवोत्तर देखभाल और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो पूरे कार्यकाल का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे मां और बच्चे दोनों के लिए मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार सुनिश्चित होगा। डॉक्टरों और माताओं के बीच बातचीत में स्तनपान पर विशेष ध्यान दिया गया।

डॉ. निशा कपूर, निदेशक और एचओडी, स्त्री रोग और मिनिमली इनवेसिव गायनी सर्जरी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने कहा कि माँ बनने का अहसास शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। हाल में बनी माँ अपने जीवन का हर पल अपने नवजात शिशु को समर्पित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूक हैं कि उसका बच्चा स्वस्थ है। इस दिशा में और अधिक जानकारी देने के लिए उद्देश्य से, हमने हाल ही माँ बनी महिलाओं और गर्भवती माताओं के लिए यह जागरूकता कार्यक्रम रखा गया। नवजात शिशु की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए माँ का दूध कुदरती रूप से बना होता है। यह शिशु के स्वास्थ्य और विकास को सही संतुलन प्रदान करता है। माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक बंधन बनाने के अलावा, यह बच्चे में उच्च कॉग्निटिव डेवलपमेंट (संज्ञानात्मक विकास) में भी योगदान देता है और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

डॉ महिमा बख्शी, एसबीओ मदर एंड चाइल्ड, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फ़रीदाबाद ने कहा कि गर्भावस्था गर्भ के भीतर एक नन्ही सी जान रखने का एक खूबसूरत एहसास है जिसे दुनिया में आने के लिए पोषित किया जाएगा। हमने मातृत्व के सबसे खूबसूरत अनुभवों में से एक, शिशु को स्तनपान कराने का जश्न मनाया। स्तनपान से नवजात शिशु के साथ-साथ लाभ के अलावा माँ को भी लाभ होता है। प्रसव के बाद वाले चरण में मां की रिकवरी तेजी से होती है और माताओं में स्तन कैंसर, ओवेरियन कैंसर (यूटरस कैंसर) और टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने में योगदान देता है। स्तनपान शिशु के साथ निकटता की भावनाओं को भी बढ़ावा देता है, माताओं के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी योगदान देता है।

हाल के दिनों में, माताओं और शिशुओं के लिए लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ने और सहायक नीतियों और कार्यक्रमों के कारण कई देशों में स्तनपान दरों में सुधार हुआ है। लेकिन स्तनपान अभ्यास को प्रभावित करने वाले कारकों के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सबसे बड़ी चुनौती है, कार्यस्थल पर स्तनपान के लिए अनुकूल स्थानों की कमी है।

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