स्वास्थ्य डेस्क । आज के समय में तनाव और काम की अधिकता की वजह से कमर दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में दवा के सहारे चल पाना मूमकिन नहीं..तो इसका एक ही सही रास्ता है वो है फिजियोथेरेपी..जी हां, फिजियोथेरेपी के जरिये आपको हर हड्डी व जोड़ों के दर्द का इलाज मिल जाएगा…कमर दर्द के पिछले कुछ सालों में 30 से 40 प्रतिशत मरीज बढ़ चुके हैं। इसकी वजह है लगातार कम्प्यूटर के सामने बैठे रहना, गलत तरीके से भारी वजन उठा लेना या फिर लगातार दौड़-भाग करना ऐसी स्थिति में कमर दर्द की शिकायत आम है। पलवल के फिजियोथेरेपिस्ट ड़ॉ जितेंद्र सिंगला ने बताया कि कमर दर्द की तकलीफ कोई उम्र नहीं देखती। उनके मुताबिक कमर दर्द में सामान्य तौर पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है, एक खिंचाव या अकड़न महसूस होती है। यह दर्द आमतौर पर गंभीर नहीं होता लेकिन समय पर ईलाज ना करवाया जाए तो यह दर्द आगामी समय में घातक हो सकता है। लापरवाही करने पर ऑपरेशन करवाने तक की नौबत आ सकती है। फिजियोथेरेपी से कमर दर्द कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाता है। कमर की बनावट में मांसपेशियां, हड्डियां, डिस्क, जोड़ में समस्या हो सकती है जिससे कमर दर्द होने लगता है। अगर कमर दर्द लंबे समय से है या किसी प्रकार की चोट या कमर में लगे झटके की वजह से कमर दर्द हो गया है तो भविष्य में इसके परिणाम गंभीर हो सकते है। इतना ही नहीं कमर का दर्द धीरे – धीरे पैरों तक भी पहुंच जाता है जिसके बाद पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।
क्या हो बैठने का सही तरीका ??
प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट ड़ॉ जितेंद्र सिंगला का कहना है कि कमर दर्द आज के समय में सबसे आम समस्या बना हुआ है। आज-कल उम्र दराज लोगों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी यह कमर का दर्द सताता है। डॉ सिंगला के अनुसार बैठते समय हमारी कमर सीधी रहनी चाहिए। जिसके लिए कमर का सहारा (बेक स्पोर्ट) भी ले सकते हैं। जिससे हमारी कमर सीधी हो जाती है। अगर हम सही तरीके से बैठेंगे तो कमर में होने वाली दिक्कत नहीं होगी और भविष्य में कमर दर्द भी नहीं होगा। तथा कम्प्यूटर पर कार्य करते समय हमें अपने पैरों के नीचे फुट रेस्ट का प्रयोग भी अवश्य करना चाहिए जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहे और कमर दर्द की संभावना न के बराबर रहे।
आखिर क्यों होता है कमर में दर्द ?
• अधिक भारी वस्तुओं को बार-बार उठाना।
• अचानक या झटके से उठना या बैठना।
• गलत मुद्रा (सही तरीके से न खड़ा होना और न बैठना)।
• तनाव – मांसपेशियों में खिंचाव ।
• किसी प्रकार की चोट या एक्सीडेंट ।
• युवाओं के द्वारा जिम में अपनी सामर्थ से अधिक भार उठाना ।
• कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से कमर दर्द
ड़ॉ जितेंद्र सिंगला का कहना है कि हमारी रीढ़ 33 हड्डियों से मिल कर बनी होती है। जिसमें से 24 सक्रिय भूमिका निभाती हैं। जब इनकी गति में किसी तरह की बाधा पैदा होती है तो कमर दर्द की समस्या होने लगती है। रीढ़ की हड्डी के अलावा कमर की बनावट में कार्टिलेज, डिस्क, जोड़, मांसपेशियां और लिगामेंट आदि भी होते हैं। इनमें से किसी में भी कोई परेशानी होने पर कमर दर्द शुरू हो सकता है। कमर दर्द के कारण खड़े होने,बैठने,झुकने,चलने और मुड़ने में बहुत तकलीफ होती है। यदि अगर शुरुआत में ही उचित कदम न उठाए जाएं तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
कमर दर्द में कैसा बिस्तर है सही ?
आरामदायक बिस्तर-पूरी रात आराम से सोने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है। यदि आपका बिस्तर आरामदायक नहीं होगा तो भले ही आप कितने भी थके हों, पर सोने में तकलीफ होगी और कमर व गर्दन के दर्द की समस्या भी हो सकती है। जब आपका शरीर बिस्तर पर सही तरीके से सेट होगा, तभी ठीक से नींद आएगी और कमर दर्द की शिकायत नहीं होगी। इसके लिए न ही ज्यादा सख्त और न ही ज्यादा नर्म बिस्तर का उपयोग करें। कमर में दर्द होने पर कई बार लोग जमीन पर सोने लगते हैं, जो कि परेशानी और बढ़ा देता है। क्योंकि हमारी रीढ़ की हड्डी की बनावट हल्की मुड़ी सी होती है। सीधी सपाट और सख्त जमीन पर सोने से उस पर दबाव पड़ता है और दर्द बढ़ जाता है।
कमर दर्द से कैसे बचें…
करवट लेकर सोते समय अपनी टांगों को थोड़ा सा छाती की ओर ले सकते है। साथ ही अपनी टांगों के बीच एक पतला सा तकिया भी सकते है। करवट लेकर दोनों टांगों को साथ रखकर और घुटनों को सही स्थिति में रखकर सोना भी अच्छा होता है। इससे शरीर और रीढ़ की हड्डी दोनों पर कम दबाव पड़ता है। इससे कमर दर्द के अलावा और भी कई समस्याओं से बचाव होता है।
कमर के बल सोते समय कमर के कर्व को ठीक बनाये रखने के लिए घुटनों के नीचे तकिया लगाएं। इससे आपकी लोअर बैक का कुदरती कर्व पर दबाव कम पड़ेगा। कमर को अतिरिक्त सपोर्ट देने के लिए आप तकीये की जगह तौलिया रोल करके भी लगा सकते हैं।
पेट के बल सोते समय
पेट के बल सोने से आपकी गर्दन पर काफी बोझ पड़ता है। लेकिन फिर भी यदि आप इस स्थिति में सोते हैं तो अपने पेट के नीचे पतला तकिया लगाकर सोएं। यदि इससे कमर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता, तो अपने सिर के नीचे भी तकिया लगा सकते हैं। यदि ऐसा करने से आपकी कमर पर दबाव पड़ता है, तो तकिया लगाए बिना ही सोएं।
मरीज को जिस प्रकार की परेशानी होती है उसी तरह उनका ईलाज किया जाता है। जिससे उन्हें उस समस्या से जल्द छुटकारा मिले। जैसे – कमर दर्द बैठने की दिक्कत, चलने में दिक्कत, पैरों का सुन्न पड़ना साथ ही अन्य प्रकार के कार्य करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
फिजियोथेरेपिस्ट ड़ॉ जितेंद्र सिंगला का कहना है कि फिजियोथेरेपी को बार-बार होने वाले पीठ दर्द के पहले समाधान के रूप में प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर डॉक्टर पीठ दर्द के रोगी को सर्जरी जैसे आक्रामक उपचार विकल्पों का उपयोग करने के बजाए एक रूढ़िवादी दृष्टिकोण के रूप में चार सप्ताह के सेशन के लिए सलाह देते हैं। फिजियोथेरेपी के पीछे का उद्देश्य सूजन, दर्द और पीठ के बढ़ते कार्यों को कम करना है। फिजियोथेरेपी में मरीज को कुछ अच्छे व्यायाम भी सिखाए जाते हैं जो दर्द को वापस आने की संभावना को खत्म करते हैं। ड़ॉ सिंगला ने बताया कि इस तरह से कमर की मांपेशियां भी मजबूत होती है। इससे डिस्क की आस – पास की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
भौतिक चिकित्सा की पद्धति के द्वारा मरीज का ईलाज ज्यादा दर्द में भी बिना दवाइयों के भी इलाज संभव है। जिसका कोई साईडइफेक्ट नहीं होता । भविष्य में मरीज को किसी प्रकार का उपचार लेने से पहले अनुभवी फिजियथैरेपिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। जिससे उक्त व्यक्ति की दिनचर्या सामान्य बनी रहे और आगामी दिनों में इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। आप अपने पीठ दर्द को कम करने और अपनी पीठ को खुश रखने के लिए एक अनुकूलित योजना प्राप्त करने के लिए गामा फिजियोथेरेपी क्लीनिक के संचालक और प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट ड़ॉ जितेंद्र सिंगला से मिल सकते हैं।