Today Express News / Ajay verma / Faridabad / युवा समाज सेवी जसवन्त पंवार ने आज राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर शहर के अलग अलग स्थनो पर जाकर गरीब , बेसहारा, बच्चो तक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आज स्वामी विवेकानन्द जी की 157 वी जयंती के अवसर पर कॉपी, किताब बाटी। जसवन्त पंवार ने बताया सिर्फ 25 साल की उम्र में विवेकानंद संन्यासी बन गए थे. संन्यास के बाद इनका नाम विवेकानंद रखा गया. गुरु रामकृष्ण परमहंस से विवेकानंद की मुलाकात 1881 कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने उन्हें मंत्र दिया कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना ही सेवा है। देश के विकास में युवा पीढ़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है. देश के युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सके, इसलिए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन ही राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को ये बताना है कि जिस तरह से स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, ठीक उसी तरह उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल करे, और जब भारत देश हर बच्चा पड़ेगा लिखेगा तभी जाकर भारत विश्व गुरु बन पाएगा