टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । फरीदाबाद । सोमवार, 22 जुलाई 2024: न्यूरोलॉजिकल देखभाल को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद एक व्यापक स्ट्रोक प्रोग्राम और स्ट्रोक क्लिनिक की शुरुआत की घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहा है, जो अत्याधुनिक 5G-सक्षम एम्बुलेंस की सुविधा से सुसज्जित है। विश्व मस्तिष्क दिवस पर शुरू की गई इस तरह की यह पहली पहल, कम्युनिटी को समय पर और प्रभावी स्ट्रोक देखभाल प्रदान करने के लिए अस्पताल की प्रतिबद्धता को दिखाती है। हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व न्यूरोलॉजी के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. कुणाल बहरानी करते हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स का मानना है कि स्ट्रोक के लक्षणों को शीघ्र समझें एवं रोगी को नजदीकी स्ट्रोक रेडी हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए शीघ्र एवं उचित कदम उठाएं।इसकार्य को कम से कम समय में संभव बनाने के लिए, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद स्ट्रोक से निपटने के लिए समर्पित 5G एम्बुलेंस शुरू करने में अग्रणी बन गया है।यह एम्बुलेंस एक स्मार्ट एम्बुलेंस है और इसमें 24/7 निरंतर निगरानी, उच्च डेटा ट्रांसफर गति के लिए वाई-फाई6, स्ट्रोंग इंजन सटीक अलर्ट और उच्च-रेंज सिग्नल के आधार पर असाधारण डेटा कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं हैं।ये सुविधाएं एम्बुलेंस और हॉस्पिटल में तैयार मेडिकल टीम को जोड़ने के लिए बेहतरीन समाधान प्रदान करती हैं औरमरीज को आपसी सहयोग की मदद से ‘गोल्डन ऑवर’ के अंदर हॉस्पिटल में पहुचाने के कार्य को आसान बनाती हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद एक स्ट्रोक आईसीयू, एक स्ट्रोक रिहैबिलिटेशन यूनिट, न्यूरो-फिजिशियन, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक स्ट्रोक थेरेपिस्ट, एक फिजियोथेरेपिस्ट, एक न्यूरो-इंटरवेंशनिस्ट और एक स्ट्रोक इंटरवेंशनिस्ट की एक व्यापक टीम से पूरी तरह सुसज्जित है।टीम ऐप-आधारित फॉर्मेट पर काम करती है, जहां मरीज का स्कैन टीम के सभी डॉक्टरों तक पहुंचता है, चाहे स्ट्रोक छोटा हो या बड़ा।हॉस्पिटल में टीम चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है और मरीजों के लिए दिन-रात चिकित्सा सहायता उपलब्ध रहती है।क्लीनिकल लाभों के अलावा, नए प्रोग्राम और टेक्नोलॉजी से सुलभ और उत्तरदायी स्ट्रोक देखभाल प्रदान करके सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करने की उम्मीद है।मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद स्ट्रोक की रोकथाम और शीघ्र ट्रीटमेंट के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।
इसके अतिरिक्त विभाग रोबोटिक न्यूरो-रिहैब भी प्रदान करता है, जो एआई-आधारित है और स्ट्रोक रोगियों को बीमारी से ठीक होने के लिए इसका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा।स्ट्रोक क्लिनिक प्रति सप्ताह दो दिन खुला रहेगा, ताकि मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं का लाभ मिल सके।क्लिनिक उन मरीजों का आकलन और मूल्यांकन करने के लिए एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया आयोजित करेगा जिनके परिवार में पहले से बीमारी चलती आ रही है, वे उच्च रक्तचाप के रोगी हैं, अत्यधिक धूम्रपान करते हैं, उनमें आनुवंशिक प्रवृत्ति है, वे मधुमेह से पीड़ित हैं, तथा मोटे से ग्रस्त हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में स्ट्रोक प्रोग्रामको स्ट्रोक नियंत्रण के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि रोगियों को लक्षण प्रकट होने से लेकर स्वस्थ होने तक उच्चतम मानक देखभाल प्राप्त हो।इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों के साथ वीडियो परामर्श के लिए बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करना, सटीक और समय पर चिकित्सा सलाह सुनिश्चित करना, तथा तत्काल मूल्यांकन और तैयारी की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
डॉ. कुणाल बहरानी, डायरेक्टर एवं एचओडी, न्यूरोलॉजी विभाग, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद कहते हैं, “स्ट्रोक क्लिनिक और 5जी-सक्षम एम्बुलेंस की शुरुआत सहित हमारे स्ट्रोक प्रोग्राम का शुभारंभ, स्ट्रोक देखभाल में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।स्ट्रोक के उपचार में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इन नई सुविधाओं की मदद से तुरंत एवं प्रभावी देखभाल प्रदान करने की हमारी क्षमता में काफी वृद्धि होगी, जिससे अंततः लोगों की जान बचाने और रिकवरी के परिणामों में सुधार करने में मदद मिलेगी।एम्बुलेंस में 5G तकनीक का उपयोग रोगी के उपचार को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा, जिससे डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोगी की स्थिति का आकलन कर सकेंगे और रोगी के अस्पताल पहुंचने से पहले उपचार की योजना बना सकेंगे।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ डॉ. राजीव सिंघल कहते हैं,”स्ट्रोक प्रोग्राम की शुरुआत महत्वपूर्ण क्लीनिकल लाभ प्रदान करती है, 5 जी-सक्षम एम्बुलेंस से सुलभ और उत्तरदायी स्ट्रोक देखभाल प्रदान करके कम्युनिटी सहभागिता को बढ़ाती है।मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद स्ट्रोक की रोकथाम के बारे में जागरूकता और शीघ्र ट्रीटमेंट के महत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।5G एम्बुलेंस हमारे सिद्धांत’रोगी पहले’का श्रेष्ठ उदाहरण है, जिसका उद्देश्य लोगों की जान बचाना और स्ट्रोक के कारण होने वाली विकलांगता को रोकना है।
स्ट्रोक एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है तथा विकसित देशों में मृत्यु दर और किसी खास बीमारी होने का एक प्रमुख कारण है, तथा निम्न-मध्यम आय वाले देशों में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है।भारत में स्ट्रोक का बोझ बढ़ता जा रहा है और अब यह मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण तथा विकलांगता का पांचवां प्रमुख कारण बन गया है।पिछले शोध से पता चलता है कि भारत में स्ट्रोक की घटना प्रति वर्ष प्रति 100,000 व्यक्तियों पर 105 से 152 के बीच होती है।हमारी समीक्षा से पता चला है कि पिछले दो दशकों के दौरान भारत के विभिन्न भागों में स्ट्रोक की व्यापकता प्रति 100,000 व्यक्तियों पर 44.29 से 559 तक रही है।भारत में स्ट्रोक की बढ़ती घटना देश के विभिन्न भागों में पिछले दो दशकों के दौरान प्रति वर्ष प्रति 100,000 व्यक्तियों पर 105 से 152 तक रही है।