फरीदाबाद, 28 सितंबर: मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की ओर से अभिभावकों के लिए एक खास ऑनलाइन सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन में अभिभवाकों को नई शिक्षा नीति 2020 के ढांचे से अवगत करवाया गया। इस दौरान अभिभावकों को बताया गया कि किसी भी बच्चे के लिए शुरुआती पाँच साल बेहद जरूरी होते हैं, वह फाउंडेशन स्टेज कहलाई जाती हैं। एनईपी के मुताबिक स्कूलों में प्ले बेस्ड लर्निंग पर जोर देने के लिए कहा गया है, जो कि मानव रचना के सभी स्कूलों में पहले से ही शामिल है।
मानव रचना इंटरेनशनल स्कूल की निदेशक संयोगिता शर्मा ने अभिभावकों के साथ स्कूल के टीचिंग पैटर्न के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि, एनईपी के पाठ्यक्रम सिद्धांत, यानी समग्र विकास, पाठ्यक्रम में तालमेल, सीखने के सात क्षेत्र, और अन्य एमआरआईएस के मौजूदा पाठ्यक्रम में शामिल हैं। उन्होंने अभिभावकों को बेहतर समझाने के लिए एनईपी पाठ्यक्रम सिद्धांतों को साझा किया और एमआरआईएस में उसे कैसे विकसित किया जाएगा उसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, आने वाले सत्र में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, ऑर्गैनिक लिविंग, पर्यावरण शिक्षा, UNSDG के माध्यम से वैश्विक नागरिकता शिक्षा और अन्य जैसे समकालीन विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
ईसीसीई और फाउंडेशनल स्टेज के संबंध में, उन्होंने साझा किया कि एमआरआईएस में एक्सपीरिएंशियल और एक्टिविटी बेस्ड सब्जेक्ट टीचिंग पर जोर दिया जाता है, जिनमें शिक्षण साक्षरता, व्यक्तिगत, सामाजिक और भावनात्मक विकास सहित अत्यधिक अनुभवात्मक और गतिविधि आधारित विषय शिक्षण; संचार और भाषा; अभिव्यंजक कला एवं डिजाइन; और गणित शामिल हैं। मातृभाषा को ग्रेड V तक शिक्षा का माध्यम बनाने का प्रस्ताव है और बच्चों को दो से अधिक भाषाओं से अवगत कराया जाएगा जो बहुभाषावाद को बढ़ाएंगे।
कार्यक्रम में एमआरआईएस सेक्टर-14 की डायरेक्टर प्रिंसिपल ममता वाधवा, सेक्टर-21 स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल सीमा अनीस, चार्मवुड स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल डॉ. सुचित्रा भट्टाचार्या, गुरुग्राम सेक्टर-46 स्थित एमआरआईएस डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. धृति मल्होत्रा, सेक्टर-51 गुरुग्राम स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल अल्पना बवेजा, लुधियाना स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल अंजु धवन और मोहाली स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल तरुणा वशिष्ठ समेत सभी अभिभावक मौजूद रहे।