Today Express News / Report / Ajay Verma / प्रधानमंत्री मोदी ने जनता कर्फ़्यू लगाने के साथ मीडियाकर्मियों के लिए भी थाली और ताली बजाने की बात कही थी। सीना गदगद था। इस पेशे के लिए भी कोई भला इतना सोच सकता है, जिंदगी में ये लम्हा पहले कभी आया न था। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग , सफाई कर्मी , पुलिसकर्मियों के साथ साथ मीडिया कर्मी भी अपनी सेवाएं लगातार एक सैनिक की भांति दे रहे हैं।
लॉकडाउन जैसी आपात स्तिथि में स्वास्थ्य कर्मियों , सफाईकर्मियों ओर पुलिसकर्मियों के लिए विभाग और समाजसेवी लोग बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन हरियाणा की बात की जाए तो हरियाणा में मीडिया के तमाम कर्मियों के लिए सरकार या स्थानीय प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई पैकेज या सहायता नहीं दी जा रही है।
चूँकि हम फ़रीदाबाद के पत्रकार हैं तो बात फ़रीदाबाद की भी की जाए तो यहां के जिला प्रशासन ने पत्रकारों के लिए किसी भी प्रकार की कोई भी सुविधा अब तक नही उपलब्ध करवाई है। लेकिन पत्रकार चाहे अखबार का हो , चैनल का हो या न्यूज़ पोर्टल का। सभी अपने अपने प्लेटफार्म पर प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर चलते दिखाई दे रहे हैं । लेकिन फ़रीदाबाद के उपायुक्त के द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा अब तक पत्रकारों को नही दी गयी है। हममे से बहुत से पत्रकार गरीब घर से हैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में पत्रकारों पर भी रोजी का संकट है। इसपर भी गौर किया जाना चाहिए। सभी पत्रकारों को इस मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए।
क्या प्रशासन का मीडिया के साथ ऐसी अनदेखी करना सही है ?