जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की फीस माफी के लिए जारी की नीति

0
1239
Jc bose ymca faridabad VC_Prof._Dinesh_Kumar
VC_Prof._Dinesh_Kumar

Today Express News / Report / Ajay Verma / फरीदाबाद, 5 अगस्त – कोरोना महामारी के दृष्टिगत वित्तीय कठिनाइयों के कारण फीस देने में असमर्थ विद्यार्थियों को राहत देने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों की शत प्रतिशत तक ट्यूशन फीस माफ करने की नीति जारी की है तथा ऐसे विद्यार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए जो परिवार में वित्तीय कठिनाईयों के कारण अपनी फीस या बकाया का भुगतान करने में असमर्थ हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोना महामारी के बीच विद्यार्थियों और उनके परिजनों को हो रही कठिनाइयों को समझता है और उन्हें राहत देने के लिए हरसंभव उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुद्दे को प्राथमिकता पर लेते हुए विश्वविद्यालय ने आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए एक नीति तैयार की है।

कुलपति ने कहा कि यह नीति ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों को सहयोग देगी, जो परिवार में वित्तीय समस्याओं के कारण फीस या बकाया का भुगतान करने में असमर्थ है। नीति के अंतर्गत ऐसे मामलों पर विचार किया जायेगा, जिसमें परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य का रोजगार या कमाई का जरिया खत्म हो गया हो या उसे काफी वित्तीय हानि हुई हो, अथवा कमाने वाले एकमात्र सदस्य की मृत्यु हो गई हो अथवा विद्यार्थी या परिवार में किसी सदस्य को किसी ऐसी गंभीर बीमारी हो ग्रस्त हो, जिस पर अत्याधिक खर्च होता है। इस तरह के किसी भी मामले में विश्वविद्यालय विद्यार्थी को फीस माफी की राहत देगा। नीति के तहत प्रत्येक मामलों को अलग से देखते हुए ट्यूशन फीस में 50 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति की जायेगी और ऐसे मामले जहां पर विद्यार्थी के परिवार की वित्तीय स्थिति अत्यंत गंभीर पाई जायेगी, उसे 100 प्रतिशत फीस माफी अथवा प्रतिपूर्ति का लाभ दिया जायेगा।

श्रीराम जन्म भूमि के शिलान्यास के शुभ अवसर पर पूर्व उद्योग मन्त्री विपुल गोयल ने अपने सैक्टर-16 स्थित कार्यालय पर मनाई खुशिया

नीति के अंतर्गत फीस माफी का लाभ उठाने के लिए जरूरतमंद विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित विभागाध्यक्ष के माध्यम आवेदन करना होगा। ऐसे सभी आवेदन विभागाध्यक्ष अपनी सिफारिश के साथ डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय को भेजेंगे। आवेदन प्राप्त होने के बाद, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन एकेडमिक अफेयर्स, संबंधित विभाग के चेयरपर्सन और कुलपति द्वारा मनोनीत सदस्य की एक समिति विद्यार्थियों के दावों की जांच करेगी और अनुमोदन के लिए अपनी सिफारिश कुलपति को सौंपेगी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को राहत देने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। विश्वविद्यालय ने फीस नियमों में ढील दी गई है, जिसमें विद्यार्थियों को दो बराबर किस्तों में अपनी सेमेस्टर फीस का भुगतान करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी यदि किसी विद्यार्थी फीस के भुगतान में कठिनाई महसूस होती है, तो उसके अनुरोध पर फीस का भुगतान तीन समान किस्तों में करने की छूट भी दी गई है।

इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर फीस में इंटरनेट डेटा शुल्क के रूप में 447 रुपये की छूट दी है ताकि विद्यार्थी को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने तक विद्यार्थियों को 149 रुपये प्रति माह की छूट जारी रहेगी। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने समय-समय पर विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति के अन्य साधनों को भी प्रोत्साहित किया है। विश्व प्रकाश मिशन नामक एक धर्मार्थ ट्रस्ट प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय के जरूरतमंद और मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है और अब तक 100 से अधिक विश्वविद्यालय इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा चुके हैं। इसी तरह, विश्वविद्यालय की एलुमिनी एसोसिएशन भी प्रतिवर्ष विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है।

आम आदमी पार्टी की  महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन सिम्बल पर मेयर एवं निगम पार्षद का चुनाव लड़ेगी पार्टी : धर्मबीर भड़ाना  

LEAVE A REPLY