आइओटेक वर्ल्ड और इफको साझेदारी से भारतीय कृषि उत्पादकता में वृद्धि: 500+ किसान परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ | नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024: आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन, एक प्रमुख ड्रोन तकनी – यह सहयोग दिसंबर 2023 में शुरू हुआ और इसका उद्देश्य कृषि में ड्रोन तकनीक के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना है। इस पहल के तहत 11 भारतीय राज्यों में 30 लाख एकड़ भूमि पर एग्रीबॉट ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।

आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन और इफको ने एग्रीबोट ड्रोन ग्राहकों के लिए एक विशेष सीमित समय के लिए प्रस्ताव भी घोषित किया है, जिसमें स्प्रे के लिए प्रति एकड़ 200 रुपये अतिरिक्त कमाई का अवसर प्रदान किया जा रहा है की कंपनी, और इफको, अग्रणी सहकारी संस्था ने दिसंबर 2023 से अपने सहयोग के तहत 8 महीनों में 11 भारतीय राज्यों के 500 से अधिक किसानों और उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है। इस साझेदारी के तहत 500 ड्रोन प्रदान किए गए, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई। इस पहल का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना और भारत में कृषि उद्योग को बढ़ावा देना है।

हाल ही में आइओटेक वर्ल्ड और इफको ने एग्रीबोट ड्रोन ग्राहकों के लिए एक विशेष सीमित समय का प्रस्ताव भी घोषित किया, जिससे किसान और सेवा प्रदाता आधुनिक ड्रोन तकनीक का फायदा उठा सकते हैं। इस ऑफर के तहत, इफको केमिकल्स का उपयोग करते हुए आप प्रति एकड़ ₹100 की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, IoTech अपने एग्रीबोट ड्रोन से स्प्रे करने पर भी प्रति एकड़ ₹100 की वित्तीय सहायता दे रहा है। इस पहल का उद्देश्य कृषि में ड्रोन तकनीक के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना, दक्षता में सुधार करना और लागत को कम करना है।”

एग्रीबोट MX, जिसे भारत का नंबर 1 कृषि ड्रोन कहा जाता है, विशेष रूप से कृषि अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन की गई शानदार विशेषताओं से सुसज्जित है। इसमें 25200 mAh लिथियम-आयन बैटरी है, जो प्रति बैटरी सेट में 1500 एकड़ तक भूमि कवर कर सकती है। ड्रोन की स्प्रे क्षमता 6 एकड़ प्रति घंटे है और एक दिन में कई बैटरी सेट का उपयोग करके 25 एकड़ तक कवर किया जा सकता है।

इस विकास पर टिप्पणी करते हुए, आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक, श्री अनुप उपाध्याय ने कहा, “हमारी यात्रा में इफको के साथ हमारी साझेदारी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।, जो भारतीय कृषि में तकनीक के माध्यम से नया बदलाव लाने का लक्ष्य रखती है। सिर्फ 8 महीनों में एग्रीबोट ड्रोन को किसानों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया और इसके प्रभाव ने हमें बेहद उत्साहित किया है। हमारे ड्रोन विशेष रूप से भारतीय किसानों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। हमारे एग्रीबोट कृषि ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल ड्रोन स्प्रे के जरिए किसानों की खेती में हो रहे फायदों को दर्शाता है। ड्रोन द्वारा जुटाया गया डेटा 4G कनेक्टिविटी के माध्यम से क्लाउड पर भेजा जाता है, ताकि हम वास्तविक समय में निगरानी और डेटा विश्लेषण कर सकें। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि यह साझेदारी फसल की उपज बढ़ा रही है, लागत कम कर रही है और नामित राज्यों के किसानों की जीवनशैली में सुधार कर रही है।

इसी भावना को प्रकट करते हुए, आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक, श्री दीपक भारद्वाज ने कहा, “हम इफको के साथ इस साझेदारी को आगे बढ़ाने और किसानों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं। 8 महीनों में 11 राज्यों में जो प्रभाव हमने देखा है, वह वास्तव में उत्साहजनक है। किसानों ने एग्रीबोट ड्रोन के इस्तेमाल से मिलने वाले फायदों को महसूस करना शुरू कर दिया है

इफको के अनुसार, यह पहल भारतीय किसानों को सशक्त बनाने और सतत कृषि को बढ़ावा देने के उनके मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और ‘ज़हर मुक्त खेती’ (Poison-Free Agriculture) को बढ़ावा देना भी है। ड्रोन स्प्रे के कई फायदे हैं, जिनमें उच्च दक्षता और लागत प्रभावशीलता शामिल है। पारंपरिक तरीके में, किसान प्रति एकड़ प्रति फसल 45 किलो यूरिया बैग और एक से डेढ़ बैग DAP उर्वरक का प्रयोग करते हैं। ड्रोन तकनीक के साथ, नैनो यूरिया और नैनो DAP को तरल रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।

आइओटेक वर्ल्ड और इफको के बीच यह समझौता 30 लाख एकड़ कृषि भूमि को कवर करने का लक्ष्य रखता है, जो हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे कई राज्यों में फैली हुई है। यह व्यापक कवरेज परियोजना की महत्वाकांक्षा और भारतीय कृषि पर इसके संभावित प्रभाव को दर्शाता है।

ये ड्रोन विशेष रूप से उर्वरक और कीटनाशक स्प्रे के लिए डिज़ाइन और प्रोग्राम किए गए हैं, ताकि अधिकतम कवरेज और संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित हो सके। आइओटेक वर्ल्ड और इफको के बीच यह सहयोग भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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