टुडे एकसप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट अजय वर्मा । फरीदाबाद, 25 अप्रैल 2025: भारत के युवाओं में निवारक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रसिद्ध वैज्ञानिक और जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राहुल मेहरा, UNESCO चेयर ऑन ग्लोबल हेल्थ एंड एजुकेशन में भारत के राष्ट्रीय प्रतिनिधि और Tarang Health Alliance के संस्थापक, फरीदाबाद के गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी 5 में छात्राओं से मिले। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए स्वस्थ आदतों, पोषण, स्वच्छता और शारीरिक गतिविधियों की महत्ता पर बल दिया और बताया कि किस तरह स्कूल के स्तर पर की गई पहल दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों में बड़ा परिवर्तन ला सकती है।
स्वास्थ्य शिक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल करने के लंबे समय से समर्थक रहे डॉ. मेहरा ने हाल ही में चंडीगढ़ में एक मीडिया कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय अभियान ‘5-4-3-2-1-0: Countdown to a Healthy Life!’ की शुरुआत की। यह अभियान आसान और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध आदतों के ज़रिए निवारक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का प्रयास है, जिससे भारत में बढ़ते गैर-संचारी रोगों और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर लगाम लगाई जा सके।
इस अभियान के तहत, डॉ. मेहरा ने हरियाणा सरकार के सहयोग से राज्य में एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। अप्रैल 2024 में हरियाणा सरकार ने Tarang Health Alliance के साथ एक औपचारिक समझौता किया, जिसके तहत राज्य के 12 सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संरचित स्वास्थ्य शिक्षा को लागू किया गया। इस साझेदारी ने छात्रों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और भागीदारी के सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।
इस अवसर पर डॉ. मेहरा ने कहा, “अगर हम देश के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इसकी शुरुआत बच्चों से करनी होगी। वयस्कों की आदतों को बदलना कठिन है, लेकिन अगर बच्चों को शुरू से सही जानकारी और व्यवहार मिलें, तो वे जीवन भर इन आदतों को अपनाए रखेंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में औसतन जीवन प्रत्याशा लगभग 70 वर्ष है, लेकिन उसमें से केवल 60 वर्ष ही अच्छे स्वास्थ्य में बिताए जाते हैं। “हर चौथा भारतीय डायबिटीज़ से और हर दसवां हृदय रोग से ग्रसित है। मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं, खासकर युवाओं में। इसका सबसे प्रभावी और सस्ता उपाय है—रोकथाम, और वह स्कूल की उम्र में ही संभव है,” उन्होंने जोड़ा।
‘5-4-3-2-1-0: Countdown to a Healthy Life!’ अभियान छह सरल दैनिक आदतों को बढ़ावा देता है:
5: रोज़ाना पांच बार फल और सब्ज़ियां खाएं
4: दिन में कम से कम चार बार साबुन से हाथ धोएं
3: तीन बार प्रोटीन युक्त आहार लें
2: मनोरंजन के लिए स्क्रीन समय को दो घंटे से कम रखें
1: एक घंटे की शारीरिक गतिविधि करें
0: तंबाकू, मीठे पेय और नमकीन पैकेट खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं
इन आदतों को स्कूलों में प्रार्थना सभाओं, छात्रों की शपथ, रचनात्मक प्रतियोगिताओं, और पेरेंट-टीचर मीटिंग्स के ज़रिए लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही ‘पोस्टकार्ड टू द प्राइम मिनिस्टर’ नामक पहल के ज़रिए छात्र यह साझा कर रहे हैं कि ये आदतें कैसे भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र (Viksit Bharat) बनाने के सपने में योगदान कर सकती हैं।
2016 में स्थापित Tarang Health Alliance एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो स्वास्थ्य शिक्षा को स्कूली प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए कार्यरत है। उसका Comprehensive School Health Programme वर्तमान में 30 स्कूलों के 9,000 से अधिक छात्रों तक पहुंच बना चुका है, और उन्हें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए जीवनपर्यंत कौशल सिखा रहा है।
हरियाणा इस दिशा में अग्रणी बन चुका है और अब यह अभियान अन्य राज्यों से भी आह्वान करता है कि वे स्कूलों, घरों और समुदायों में निवारक स्वास्थ्य को रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं।