Today Express News / Ajay Verma / पंचकुला/चंडीगढ़, 23 जून। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के बाहर गए प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में दोबारा लाने के लिए प्रदेश सरकार ने अहम निर्णय लिया है। प्रवासी मजदूरों को हरियाणा में आने का बसों का किराया प्रदेश सरकार वहन करेगी। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि निर्माण क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक प्रवासी मजदूर को किराये के रूप में 1500 रूपये तक की प्रदेश सरकार द्वारा सहायता दी जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को पंचकुला के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई श्रम कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया। इस बैठक में प्रवासी मजदूरों को किराया देने के अलावा मजदूरों के कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की मंजूरी का निर्णय निदेशालय स्तर पर लेने का फैसला भी लिया गया। बोर्ड ने यह निर्णय योजनाओं में पारदर्शिता लाने के दृष्टिगत किया गया है। इस बैठक में श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव, बोर्ड के सदस्य सहित अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भवन व अन्य निर्माण कार्यों से जुड़ी पंजीकृत कंपनियां दूसरे प्रदेशों के मजदूरों को अपने यहां काम देने के लिए लाना चाहती है तो सरकार इसके लिए न केवल उन्हें सुविधाएं देगी बल्कि उन्हें आने के लिए अधिकतम 1500 रूपये प्रत्येक श्रमिक के हिसाब से किराया भी वहन करेगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली यह राशि प्रदेश में पहुंचते ही तुरंत श्रमिक को उपलब्ध करवाई जाएगी और सरकार यह सुविधा आगामी दो माह तक प्रदान करेगी। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सरकार श्रमिकों को दूसरे प्रदेश से हरियाणा में लाने के लिए सरकारी बसों की सुविधा भी उपलब्ध करवा सकती है। डिप्टी सीएम दुष्यंत ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते अब तक तीन लाख दस हजार श्रमिकों को 154 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की गई है जिसके तहत प्रत्येक श्रमिक को एक हजार रूपये प्रति सप्ताह की राशि दी गई।
श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक से बताया कि मजदूरों के कल्याणार्थ लागू की गई योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए अब इनकी स्वीकृति निदेशालय स्तर पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले मजदूरों को कल्याण योजनाओं का लाभ देने के लिए कई जिलों से अधिकारी स्तर पर देरी करने व मजदूरों को बिना वजह चक्कर कटवाने सहित अन्य शिकायतें मिल रही थी। उन्होंने कहा कि आज इस मुद्दे को श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक में रखा गया जिसमें यह निर्णय किया गया कि अब पारदर्शिता लाने के लिए इन योजनाओं की स्वीकृति जिला स्तर की बजाय निदेशालय स्तर पर ही प्रदान की जाएगी।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार एक जिले से दूसरे जिलों में भवन व अन्य निर्माण कार्यों के लिए जाने वाले श्रमिकों को बस पास की सुविधा देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि छात्रों की तर्ज पर श्रमिकों को बस पास सुविधा देने को लेकर राज्य परिवहन विभाग के साथ श्रमिक कल्याण बोर्ड की बात चल रही है। उन्होंने कहा कि बस पास योजना के तहत एक माह तक ऐसे श्रमिकों की पास की सुविधा दी जाएगी जो दूसरे जिलों में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि कार्यों के लिए भी यदि किसान प्रवासी श्रमिकों को यहां लाना चाहती है तो वे संबंधित जिला उपायुक्तों से इस बारे संपर्क करें, उन्हें भी सरकार सुविधाएं देगी।