IMA फरीदाबाद द्वारा लगातार दो दिन तक बाबा रामदेव के द्वारा दिए गए मॉडर्न मेडिसिन के एलोपैथिक डॉक्टरों के विरुद्ध बयानों का विरोध किया गया। 

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IMA Faridabad protested against the statements made by Baba Ramdev against allopathic doctors of Modern Medicine for two consecutive days.

Today Express News / Ajay Verma / आई एम ए फरीदाबाद द्वारा लगातार दो दिन तक 2 जून और 3 जून को बाबा रामदेव के द्वारा दिए गए मॉडर्न मेडिसिन के एलोपैथिक डॉक्टरों के विरुद्ध बयानों का विरोध किया गया। दो जून को सभी डॉक्टरों ने काली पट्टी पहनकर इसका विरोध किया । तीन जून को सभी डॉक्टरों ने अपनी ओपीडी सुबह 2 घंटे के लिए बंद रखी। इस दौरान फरीदाबाद आई एम ए की प्रधान डॉ पुनीता हसीजा ,डॉक्टर सुरेश अरोड़ा मीडिया प्रभारी और डॉ अजय कपूर वरिष्ठ उप प्रधान ने जिले के डिप्टी कमिश्नर श्री यशपाल यादव को माननीय प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया गया।

जैसा की विदित है पिछले 10 से 12 दिनों में बाबा रामदेव मॉडर्न मेडिसिन के एलोपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ भिन्न भिन्न प्रकार के वक्तव्य देते आ रहे हैं। उनका कहना है कि मॉडर्न मेडिसिन का साइंस बेकार है और दिवालिया है। इसकी वजह से कोरोना का इलाज करते हुए पिछले दिनों में एलोपैथी के डॉक्टरों ने लाखों लोगों को मार दिया है। इतने लोगों की मौत ऑक्सीजन ना देने की वजह से नहीं हुई होगी जिससे ज्यादा की मौत ऑक्सीजन देने की वजह से हुई है। उनका यह भी कहना है कि हजारों डॉक्टर डबल डोज वैक्सीनेशन लेने के बावजूद भी मर गए। अगर यह डॉक्टर अपने आप को भी नहीं बचा सके तो दूसरे मरीजों का क्या इलाज करेंगे ।उनका यह भी कहना है कि मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टर बेवकूफ है क्योंकि वह बुखार में क्रोसीन की दवाई देते हैं और दर्द के लिए पेन किलर देते हैं।

इन सब बातों से सभी डॉक्टर बहुत बुरी तरह से आहत है। सभी डॉक्टरों का कोरोना के मरीजों का इलाज करने के प्रति बहुत बुरी तरह मनोबल टूटा हुआ है। जिन डॉक्टरों की कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए मौत हुई है उनके परिवार वालों में बहुत रोष है । बाबा के इन कथनों से यह भी लगता है कि वह सरकार की वैक्सिनेशन पॉलिसी के भी खिलाफ है।
इसके इलावा बाबा ने अध्यापकों इंजीनियरों और पायलट्स का भी खूब मजाक उड़ाया है।

हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।हम यह भी कहते हैं कि हमारी आयुर्वेद से कोई खिलाफत नहीं है, हम आयुर्वेद का सम्मान करते हैं। आयुर्वेद हमारे देश की एक प्राचीन और सम्माननीय पद्धति है। इसमें रिसर्च होनी चाहिए। हमारा आयुर्वेद से कोई झगड़ा नहीं है, हम केवल बाबा रामदेव के कथनों से आहत है।

डॉ पुनीता हसीजा प्रधान
डॉ सुरेश अरोड़ा मीडिया प्रभारी
आई एम ए फरीदाबाद

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