Today Express News / Ajay Verma / आई एम ए फरीदाबाद नेशनल और स्टेट आई एम ए के आह्वान पर फरीदाबाद आईएमए के डॉक्टर 18 जून को सुबह 9:00 से 2:00 तक अपनी ओपीडी संपूर्ण रूप से बंद रखेंगे और प्रोटेस्ट डे मनाएंगे। पिछले काफी समय से डॉक्टरों के ऊपर हमले होते रहे हैं और आई एम ए द्वारा लगातार मांग की जाती है कि डॉक्टर को सुरक्षा प्रदान की जाए। लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है । कोरोना महामारी के दौरान भी जब डॉक्टरों के ऊपर हमले हुए तो उस समय केंद्रीय सरकार ने केवल कानून में थोड़ा सा बदलाव कर दिया जो सिर्फ महामारी के दौरान ही लागू रहेगा। हमारी यह मांग है कि एक केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें मरीज के तीमारदारों द्वारा डॉक्टर पर हमला किए जाने पर तुरंत केस दर्ज किया जाए । सभी डॉक्टरों के प्रतिष्ठानों को सुरक्षित स्थान घोषित किया जाए। डॉक्टरों की सुरक्षा के मानक तय किए जाएं। डॉक्टरों के ऊपर किए गए हमलों के केसों की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा की जाए। डॉ सुरेश अरोड़ा ने बताया कि कुछ प्रदेशों में मेडिकेयर कानून लागू है लेकिन हम चाहते हैं कि एक केंद्रीय कानून बनाकर इसको लगाया जाना चाहिए ताकि यह कानून आईपीसी की धारा के अंदर आ जाए जिससे कि सभी डॉक्टर भयमुक्त होकर मरीजों का इलाज कर सकें । डॉ पुनीता हसीजा ने बताया कि 18 जून को पूरे देश में अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रोटेस्ट डे का आयोजन किया जा रहा है और 15 जून को डिमांड डे के रूप में मनाया जा रहा है जिस दिन जगह-जगह प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है, और मीडिया को सूचित किया जा रहा है कि हमारी मांगे क्या है । इस दौरान सभी डॉक्टर काली पट्टी पहनेंगे। कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह छोटे-छोटे प्रदर्शन किए जाएंगे। अलग-अलग शहरों में लोगों से मिला जाएगा ,वहां अपनी समस्याओं के बारे में बताया जाएगा। लोकल लीडर से मिलकर उन्हें भी इसके बारे में अवगत कराया जाएगा । 18 जून को एक मेमोरेंडम डीसी साहब को दिया जाएगा।