TODAY EXPRESS NEWS / सीनियर जर्नलिस्ट / सुभाष शर्मा / फरीदाबाद में उभरते हुए युवा कांग्रेसी नेता की हत्या का इतिहास 17 साल बाद फिर से दोहराया गया है। आज कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के नजदीकी माने जाने वाले विकास चौधरी की अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी। वाक्या सुबह 9 बजे का है, जबकि ऐसी ही वारदात 22 मई, 2002 को घटी थी, तब सेक्टर-17 मेें उस वक्त के उभरते कांग्रेसी नेता अमरजीत सिंह की सुबह सैर करते हुए पार्क में हत्या कर दी गई थी। अमरजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल परिवार के सबसे करीबी माने जाते थे।
अमरजीत के सिर व छाती पर एके-47 से 25 राउंड फायर किये गये थे, जबकि विकास चौधरी पर भी ताबड़तोड़ 12 राउंड फायर कर हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी है। दोनों घटनाएं एक जैसी है, दोनों ही उभरते हुये कांग्रेसी नेता थे। दोनों के ही शीर्ष कांग्रेसी नेताओं के ज्यादा करीबी थे। हत्या के पीछे क्या राज है? इसका खुलासा तो पुलिस की जांच के बाद होगा परंतु इस हत्या से एक बात स्पष्ट हो गई है कि फरीदाबाद अपराधों का गढ़ बन चुका है। कल भी एक एचआर प्रोफेशनल की बाईपास रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
दरअसल जबसे मौजूदा पुलिस कमिश्रर संजय कुमार ने यहां पदभार संभाला है, तभी से यहां अपराधों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। सरकार की आलोचना हो रही है कि पुलिस फौजदारी अपराधों पर नियंत्रण लगाने के बजाए आर्थिक अपराधों के मामले सुलझाने में ज्यादा तवज्जो दे रही है, जिसको लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे है। कांग्रेस के कई नेताओं ने पुलिस कमिश्रर की तुरंत तबादले की मांग कर दी है और विकास चौधरी की हत्या की निष्पक्ष जांच करवाने व अपराधियों पर सख्त कार्यवाही करने को कहा है। अब देखना यह होगा कि इस हत्या के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेते है। प्रदेश में चुनाव नजदीक है, ऐसे में बढ़ते अपराधों पर अगर अंकुश नहीं लगा तो 70 प्लस सीटों को जीतने के भाजपा के सपनों को ग्रहण लग सकता है।
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )