टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद अपने छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहता है। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सविता भगत अपने विद्यार्थियों के आध्यात्मिक और शैक्षिक विकास के लिए निरंतर सक्रिय रहती हैं।ऐतिहासिक उद्देश्य के लिए महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा जयपुर के लिए एक दिवसीय यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में सहायक प्रोफेसर तथा इतिहास विभागाध्यक्ष कमलेश सैनी और रविंद्र सिंह जी कला संकाय के 24 विद्यार्थियों के साथ शामिल थे।
विद्यार्थियों ने बिरला मंदिर, जयगढ़ किला ,नाहरगढ़ किला, आमेर का किला, हवा महल ,जल महल और अल्बर्ट म्यूजियम का दौरा करके अपना ज्ञानार्जन किया। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण था आमेर का किला इस किले में इतिहास को जानने के लिए विद्यार्थियों में बड़ी उत्सुकता दिखाई दी। आमेर के शासक भारमल ने ही राजपूतों में सबसे पहले अकबर के साथ मित्रता की और अपनी पुत्री जोधाबाई का विवाह अकबर से किया बाद में दूसरे राजपूतों ने भी देखा देखी मुगलों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए इसके साथ ही मध्यकालीन भारतीय इतिहास में राजपूत- मुगल संबंधों का नया युग शुरू हुआ।
भारमल के पुत्र मानसिंह ने आमेर के किले का निर्माण करवाया था इस किले में जोधाबाई महल तथा मानसिंह की 12 रानियों के लिए अलग-अलग कक्षों ने आकर्षित किया राजा मानसिंह अकबर के विश्वास पात्र नवरत्न और बड़े मनसबदारों में से उन्हें कई बार उड़ीसा,आगरा,दिल्ली ,काबुल तथा कांधार की जिम्मेदारी सौंपी गईं। जयगढ़ के किले में आमेर के शासकों का खजाना और युद्ध से संबंधित सामग्री शत्रुओं से छुपा कर रखी जाती थीं इसलिए यह किला एक सुनसान स्थान पर है।
इस यात्रा का अंतिम पड़ाव था अल्बर्ट म्यूजियम। यहां जयपुर के सभी शासकों का ऐतिहासिक विवरण था विद्यार्थियों ने न केवल जयपुर बल्कि भारत सहित विश्व की कुछ प्राचीन सभ्यताओं तथा संस्कृतियों के प्रतिरूपों का दर्शन करके अपना ज्ञानवर्धन किया। सायंकाल में छात्राओं द्वारा भरपूर खरीदारी की गई इसी के साथ ही ऐतिहासिक यात्रा समाप्त हो गई।