Today Express News / Ajay Verma / अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के द्वारा गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जयंती जिला कार्यालय फ़रीदाबाद में मनाई गई l इस अवसर पर सोशल डिस्टैन्सिंग का ध्यान रखते हुए गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके पुष्प अर्पित किये गए l इस अवसर पर पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना ने बताया कि गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज के सम्राट थे. इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं l पृथ्वीराज विजय महाकाव्यं संस्कृत महाकाव्य है। इसे हिन्दी में पृथ्वीराज विजय महाकाव्य भी कहा जाता है । पृथ्वीराज विजय महाकाव्य में तराइन के प्रथम युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की मुहम्मद गौरी पर विजय का वर्णन है। इसमें तराइन के द्वितीय युद्ध का उल्लेख नहीं है। इसकी रचना लगभग 1191-92 में पंडित जयानक नामक कश्मीरी कवि ने की जोकि गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज का राज कवि था ।
गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान का जन्म जेष्ठ मास कृष्ण पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत 1206 (1149 ईसवी) में हुआ था। इसका वर्णन पृथ्वीराज विजय महाकाव्य के सर्ग 7 के श्लोक नंबर 50 में मिलता है। पृथ्वीराज विजय महाकाव्य के सर्ग 10 के श्लोक नंबर 50 में पृथ्वीराज के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है और सर्ग 11 के श्लोक नंबर 7 और 9 में गुर्जरो द्वारा गौरी को पराजित करने का वर्णन है l पृथ्वीराज रासो भाग 1 के आदि पर्व के छंद 613 में पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर को गुर्जर लिखा है । गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु तराइन के दूसरे युद्ध में 1249 विक्रमी संवत ( 1192-93 ईसवी ) में हुई थी । तराइन युद्ध क्षेत्र भारत के वर्तमान राज्य हरियाणा के करनाल जिले में करनाल और थानेश्वर (कुरुक्षेत्र) के बीच था, जो दिल्ली से 113 किमी उत्तर में स्थित है। इस अवसर पर संगठन मंत्री महेश फागना,जिलाअध्यक्ष महेश लोहोमोड, उपधक्ष देविंदर मावी, पूर्व मेयर अतर सिंह ,मामचंद भड़ाना महेरचन्द हर्षना ,धीरज फागना ,गजेंद्र भड़ाना तुषार फागना ,सुभाष पाँवर आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहें