कोरोना महामारी के मद्देनजर तीन सालों से जीएसटी रिटर्न नहीं करने वालों का जुर्माना हटाया जाए – दुष्यंत चौटाला

0
701

Today Express News / Ajay Verma /

– जीएसटी परिषद की बैठक में की मांगटेक्सटाइलफर्टिलाइजर और फुटवीयर पर न बढ़ाया जाए कोई टैक्स – उपमुख्यमंत्री

– कोरोना महामारी के मद्देनजर तीन सालों से जीएसटी रिटर्न नहीं करने वालों का जुर्माना हटाया जाए  – दुष्यंत चौटाला

– पांच करोड़ से कम जीएसटी अदा करने वाले के टैक्स भरने की सीमा को सितंबर माह तक बढ़ाया जाए – दुष्यंत चौटाला

– राज्यों की आर्थिक मदद के लिए केंद्र से सेस का पैसा राज्यों को देने की मांग – डिप्टी सीएम

– देशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर उपमुख्यमंत्री ने जताई चिंता

– यह समय आरोप-प्रत्यरोप का नहींकोरोना से सावधानी बरतने का है – दुष्यंत चौटाला

– हरियाणा के अस्पतालों में किसी भी राज्य के पहुंचने वाले कोरोना मरीज का इलाज हो रहा है – दुष्यंत चौटाला

नई दिल्ली/चंडीगढ़12 जून। कोरोना महामारी के बीच पहली बार हुई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में हरियाणा की तरफ से टेक्सटाइलफर्टिलाइजर और फुटवीयर पर जीएसटी कम करते हुए राहत देने का आग्रह किया है। इसके अलावा हरियाणा ने कोरोना महामारी को देखते हुए पांच करोड़ रूपये से कम जीएसटी अदा करने की सीमा को बढ़ाने की मांग के साथ कई मुद्दे उठाये है। यह जानकारी आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 40वीं बैठक में भाग लेने के बाद नई दिल्ली में पत्रकारों से रूबरू होते हुए दी।

बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने बताया कि बैठक में केंद्र से राज्य सरकार ने मुख्य रूप से तीन चीजों पर टैक्स नहीं बढ़ना की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार को टेक्सटाइलफर्टिलाइजर और फुटवीयर पर जीएसटी का टैक्स नहीं बढ़ाना चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस मांग में हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्य गुजरातबिहार ने भी यही आग्रह किया है।

 उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इसके अलावा बैठक में यह भी चर्चा हुई कि जिन लोगों ने पिछले तीन सालों से जीएसटी रिटर्न नहीं किया है उनपर इस समय जुर्माना हटाया जाए। उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्य के राजस्व के लिए जरूरी है और सरकार को इन्हें पैनेल्टी मुक्त करते हुए परमिट जारी करना चाहिए ताकि वे अपना शेयर सरकार को दे पाये। वहीं उन्होंने कहा कि बैठक में हरियाणा के साथ अन्य राज्यों ने यह भी मांग की है कि पांच करोड़ से कम जीएसटी अदा करने वाले जो टैक्स नहीं भर पाए है उन्हें राहत देते हुए जीएसटी अदा करने की सीमा को जून से बढ़ाकर सितंबर माह तक किया जाए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इसे अगले वर्ष के मार्च माह तक बढ़ाने की मांग की है लेकिन अधिकतर राज्यों ने अगली बैठक पर इस पर दोबारा चर्चा करके निर्णय लेने की बात कही है। साथ ही दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इनकम टैक्स की तर्ज पर ही जीएसटी कम करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से सेस का पैसा राज्यों को देने की मांग की है ताकि राज्यों को कोरोना संकट के समय में आर्थिक मदद मिल सके। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में कुल 1 लाख 76 हजार रूपये केंद्रीय पूल में आये थे जिसमें से 88-88 हजार करोड़ रूपये केंद्र और राज्य के थे। उन्होंने कहा कि इसपर वित मंत्री ने आंकड़े देते हुए बताया कि इन 88 हजार करोड़ रूपये में से 34 हजार करोड़ रूपये राज्यों को बांट दिए गये है लेकिन अभी भी केंद्र के पास 54600 करोड़ रूपये  राज्यों का है और इसके वितरण के लिए चार्ट बनाने का प्रस्ताव ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के भेज दिया गया है। दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताते हुए कहा कि 54 हजार 600 करोड़ रूपये प्रदेशों को मिलेगा तो उन राज्यों को जरूर आर्थिक मदद मिलेगी।

वहीं देशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर उपमुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह समय आरोप-प्रत्यरोप का नहीं है बल्कि इससे ऊपर उठते हुए कोरोना से लड़ते हुए सावधानी बरतने का है। उन्होंने कहा कि केंद्र व सभी राज्यों ने कोरोना के प्रति पिछले सवा दो महीनों से जो जागरूकता फैलाई उसे हम सबको मिलकर आगे ले जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता को लेकर जितनी जागरूकता पिछले पांच वर्ष में नहीं फैल पाई उससे ज्यादा जागरूकता इन सवा दो महीनों में देशवासियों में आई। उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी है कि सभी सामाजिक दूरी का पालन करते सावधानियां बरते।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर प्रदेश सरकार बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में चाहे किसी भी राज्य का मरीज इलाज के लिए हरियाणा के अस्पतालों में आए हैं उनका उपचार हो रहा है। उन्होंने बताया कि झज्जर के एम्स में हरियाणा के अलावा दिल्ली से कोरोना के मरीज आकर अपना उपचार करवा रहे है। साथ ही दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा के सभी निजी अस्पतालों में 25 प्रतिशत बेड केवल कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हैं। उन्होंने कहा कि कई निजी अस्पतालों की कोविड मरीजों को भर्ती ना करने की शिकायतें मिली है। उन्होंने कहा कि अगर कोई निजी अस्पताल किसी भी कोविड मरीज का इलाज करने से मना करता है तो सरकार उनका लाइसेंस तक रद्द करने से पीछे नहीं हटेगी। 

LEAVE A REPLY