टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री जैसे पुरुष प्रधान स्थान में बहुत कम महिलाएँ अपने लिए एक ठोस स्थान सुरक्षित कर पाई हैं। आज भी, जब कई लोगों को महिला प्रधान फिल्म का समर्थन करना होता है तो वे कदम पीछे खींच लेते हैं। हालाँकि, पिछले कुछ सालों में, कई महिलाओं ने फिल्ममेकिंग बिज़नेस अपनाया है ताकि वे अपनी मर्ज़ी की कहानियाँ बता सकें। यह बदलाव तब बड़ा था जब कृति सेनन, आलिया भट्ट जैसे कई एक्ट्रेसेस ने उस तरह का कॉन्टेंट प्रड्यूस करना शुरू कर दिया, जिसका वे हिस्सा बनना चाहती थीं। और उनकी यात्रा में प्रेरणा अरोड़ा, एकता कपूर, रिया कपूर, गुनीत मोंगा जैसे फिल्ममेकर्स ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालाँकि, जेंडर डिस्पेरिटी अभी भी मौजूद है।
प्रेरणा अरोड़ा ने कहा “हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, लेकिन आज भी, महिला प्रधान फिल्मों को हीरो के नेतृत्व वाली बड़े बजट की फिल्मों की तुलना में रिसोर्सेज और सपोर्ट के मामले में असमान ट्रीटमेंट मिलता है। हालांकि, मैं अच्छा पक्ष देखना चाहती हूं। एक समय था जब फिल्म सेट पर एक भी महिला नहीं होती थी, आज क्रू में कम से कम 30-50% महिलाएं हैं। कई महिलाएं अपनी कहानियां कहती हैं।”
जेंडर डिस्पेरिटी और उसके साथ अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “देखें ‘क्रू’ ने कैसा प्रदर्शन किया। कुछ साल पहले ऐसा नहीं हुआ होता. अगर मैं अपने बारे में बात करूं तो मैं कहूंगी कि मैं जीवित रहने के अलावा और भी बहुत कुछ कर रही हूं। वास्तव में, मैं पुरुष-प्रधान उद्योग में फल-फूल रही हूं। मैं अपने लिए अवसर पैदा कर रहा हूं, इंडस्ट्री में सर्वश्रेष्ठ लोगों के साथ सहयोग कर रही हूं और यही बात मैं अपने कंटेम्पररीज के लिए भी देख रही हूं। तो, हाँ, भले ही अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है लेकिन हम आधे रास्ते पहुँच चुके हैं।”
अरोड़ा एक प्रड्यूसर के रूप में अपनी यात्रा शुरू करने के बाद से ही लीक से हटकर कॉन्टेंट और सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मोग्राफी को सपोर्ट कर रही हैं। उनकी फिल्मोग्राफी में ‘पैडमैन’, ‘परी’, ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘रुस्तम’ जैसी कुछ फिल्में शामिल हैं। अब, वह अपनी दो फिल्मों ‘हीरो हीरोइन’ और ‘डंक: वन्स बिटन ट्वाइस शाइ’ की रिलीज का इंतजार कर रही हैं, जो जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार हैं।