TODAY EXPRESS NEWS FARIDABAD ( रिपोर्ट अजय वर्मा ) लावारिश शवों की पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग किस तरह से दुर्गति कर रहा है जिसका नजारा फरीदाबाद में उस वक्त देखा गया जब एक लावारिश शव को खुले रिक्शे में रखकर सिविल अस्पताल से लेकर शहर की सबसे बडी मर्किट 1 नम्बर होते हुए रिक्शा चालक शमशान पहुंचा। लावारिश शव के लिये न तो सिविल अस्पताल की ओर से कोई एंबुलेंस दी जाती है और न ही पुलिस प्रशानस की ओर से कोई कोशिश की जाती है नगर निगम इन शवों को जलाने के लिये 21 सौं रूपये देकर अपना फर्ज पूरा कर देता है मगर शव को अस्पताल से शमशान तक पहुंचाने के लिये किसी विभाग के पास कोई गाडी तक नहीं हैं। शहर में केन्द्रीय राज्यमंत्री और केबिनेट मंत्री दो बडे जनता के प्रतिनिधि हैं जो कि करोडों रूपये खर्च करते हैं। लेकिन लावरिश शवों के लिये एक गाडी का प्रबंध तक नहीं है। लगभग रोजना लावारिस शव इसी प्रकार खुले रिक्शे में रखकर शहर से होते हुए शमशान पहुंचते हैं।
पिछले कुछ महीनों से देश में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें समाने आ रही हैं कभी कोई पति अपनी पत्नी के शव को साईकिल पर ले जा रहा है तो कभी कोई कंधों पर रखकर ले जा रहा है फरीदाबाद में भी इसी तरह का नजरा कुछ दिन पहले सिविल अस्पताल में देखा गया था एक परिजन अपनी बच्ची के शव को एंबुलेंस न मिलने के चलते अपने कंधों पर लेकर गया था। ऐसा ही कुछ दृश्य इन दिनों फरीदाबाद में रोजाना देखने को मिल रहा है फर्क इतना है कि जिनके परिजन थे वो तो ले गये मगर जिसका कोई नहीं है जो लावारिश है उनकी किस तरह से दुर्गति हो रही है।
ये हैं वो रिक्शा जिसमें सफेद कफन में लिपटा हुआ नजर आ रहा है ये एक लावरिश व्यक्ति का शव है जिसके लिये न तो स्वास्थ्य विभाग के पास कोई एंबुलेंस है और न ही शमशान वालों के पास कोई गाडी है इसलिये इस लावारिश शव को सिविल अस्पताल से मार्किट होते हुए इसी खुले रिक्शे में रखकर शमशान लाया गया है।
इस बारे में रिक्शा चालक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो लगभग रोजाना ही इसी प्रकार रिक्शे में रखकर लावारिश शवों को शमशान लेकर आते हैं पुलिस कर्मी पोस्टमार्डम करवाने के बाद उन्हें शव को रिक्शे से ले जाने के लिये बोल देते हैं कभी कभी तो इसी छोटे से रिक्शे में एक साथ तीन – तीन लावारिश शवों को लेकर आये हैं।
वहीं नगर निगम के जैडटीओ धर्मवीर की माने तो निगम की ओर से लावारिश शव के लिये 21 सौ रूपये लकडियों के नाम से दिये जाते हैं इसके अलावा निगम की कोई जिम्मेदारी नहीं है, शव को शमशान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पुलिस कर्मियों की होती है वो कैसे ले जाते हैं इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है।
बता दें कि फरीदाबाद में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और केबिनेट मंत्री विपुल गोयल जो जनता के प्रतिनिधि है और करोडों रूपये शहर के लिये खर्च करते हैं मगर इंसानियत को शर्मसार करने वाली ये घटना होने के बाद भी किसी ने लावारिशों के लिये गाडी का प्रबंध तक नहीं करवाया हुआ है।