TODAY EXPRESS NEWS FARIDABAD ( रिपोर्ट अजय वर्मा ) 13 जून 2017। रोजाना शहर में बड़ी संख्या में घटना-दुर्घटनाएं और अस्पतालों में सर्जरी होती हैं। इस दौरान लोगों को खून की जरूरत होती है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो खून न मिल पाने के कारण मौत के शिकार हो जाते हैं। लोगों में रक्तदान के प्रति जागरुकता न होने के कारण वे रक्तदान नहीं करते। कई बार तो परिजनों और रिश्तेदारों को जरूरत पडऩे पर भी लोग रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आते।और कइ बार उनकी इसी जागरुकता के अभाव में खून न देने पर उनके किसी अपने की मौत हो जाने पर उन्हें रक्तदान का असली महत्व समझ में आता है। अधिकतर महिलाएं अनीमिया की शिकार होती हैं। उन्हें गर्भावस्था या प्रसव के दौरान खून चढ़ानेे की जरूरत होती है, लेकिन समय पर खून नमिल पाने के कारण एक नहीं बल्कि दो लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है।
लोगों में सहयोग की भावना होती है इस कारण वे समय-समय पर रक्तदान करते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह गलत धारणा है कि रक्तदान करने से कमजोरी और चक्कर आते हैं और दोबारा खून नहीं बनता। जबकि एशियन अस्पताल के ब्लड बैंक और लैब सर्विसेज़ विभाग की हैड डॉ. उमा रानी का कहना है कि 18 वर्ष से 65 वर्ष तक का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 50 किलोग्राम से अधिक हो, वो एक निश्चित अंतराल के बाद रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने के कई लाभ होते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि एक व्यक्ति रक्तदान कर तीन लोगों को जीवन दे सकता है।
हर दिन किसी न किसी व्यक्ति को खून की जरूरत पड़ती है, लेकिन रक्तदान करने वालों की संख्या कम होने के चलते जरूरतमंदों को समय पर खून नहीं मिल पाता और यही कारण जो उन्हें मौत के मुंह में पहुंचा देता है। गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों, हीमोफीलिया और थैलीसीमिया आदि रोगों से ग्रस्त लोगों को रक्तदान के माध्यम से नया जीवन प्रदान किया जा सकता है।
डॉ. उमा रानी ने बताया कि समाज में फैली कुछ भ्रांतियों और जागरुकता के अभाव में लोग रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आते, जबकि पुरुष 90 दिन और महिलाएं 120 दिन बाद दोबारा रक्तदान कर सकते हैं। एक बार रक्तदान करके आप तीन लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं। रक्तदान कैंप में एकत्रित रक्त को तीन अलग भागों में विभाजित किया जाता है। जिसमें लाल रक्त कणिकाएं, प्लाज़मा और प्लेटलेट कंसंट्रेट शामिल हैं।
किन लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए : कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, किडऩी, लेप्रोसी, मिरगी, लिवर, एड्स या संक्रामक पीलिया से पीडि़त रोगियों को रक्तदान नहीं करना चाहिए।
रक्तदान करने के फायदे : रक्तदान करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
रक्तदान से किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता।
रक्तदान कर आप तीन अन्य लोगों को पुर्नजीवन प्रदान करते हैं।
रक्त बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है और शरीर में आयरन के स्तर को भी बनाए रखता है।
रक्तदान करने से कैंसर और हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
शरीर की कार्यक्षमता और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
शरीर में मौजूद जरूरत से ज्यादा आयरन लेवल की मात्रा को कम करता है। बहुत ज्यादा आयरन लेवल रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचाता है।
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है।