फरीदाबाद। सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के बावजूद वर्षाे से अपनी जमीन के मुआवजे की बाट जोह रहे अजरौंदा व दौलताबाद के किसानों को अब मुआवजा मिलने की उम्मीद बंधी है। हुडा प्रशासन ने इन किसानों को 3 सप्ताह में मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में जमा करवाने का लिखित आश्वासन दिया है, जिसके चलते इन किसानों ने फिलहाल धरना एक माह के लिए स्थगित कर दिया है। मंगलवार को इन दोनों ही गांवों के किसानों ने फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला के ओल्ड फरीदाबाद स्थित उनके कार्यालय पर पहुंचकर उनका मुंह मीठा कराया और उनका सहयोग करने के लिए आभार जताया।
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गौरतलब है कि करीब दो सप्ताह पूर्व लखन कुमार सिंगला के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से चंडीगढ़ में मुलाकात की थी। इस दौरान लखन सिंगला ने पूर्व मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों के मुआवजा दिलाने की मांग को पुरजोर तरीके से रखा था और श्री हुड्डा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह इस मामले को वह सरकार के समक्ष उठाएंगे और आखिरकार उन्होंने इस मामले की पुरजोर तरीके से पैरवी की, नतीजतन प्रशासन ने अब किसानों को मुआवजा देने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। आज कार्यालय पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए लखन सिंगला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव किसानों की हितैषी रही है और पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा में किसानों के हितों के लिए अनेकों योजनाएं क्रियान्वित की थी, लेकिन भाजपा सरकार में किसानों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुआवजा मिलने से अब वर्षाे से संघर्षरत किसानो को राहत मिलेगी और उनके अधूरे काम भी पूरे हो सकेंगे।
इस मौके पर किसान संघर्ष समिति के प्रधान अमर सिंह मलिक ने बताया कि प्रशासन द्वारा मुआवजा देने के लिए मिले 3 सप्ताह के समय से उन्हें काफी राहत मिली है और इसलिए आज वह लखन कुमार सिंगला का आभार जताने आए है, जिन्होंने पुरजोर तरीके से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समक्ष उनकी इस मांग को रखा और आज उन्हें मुआवजा मिलने की उम्मीद बंधी है। वहीं उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों ने अपना धरना एक माह के लिए स्थगित किया है, अगर प्रशासन अपने वायदे से मुकरता है तो किसान फिर से लघु सचिवालय के समक्ष धरना शुरू कर देंगे। इस अवसर पर लाल सिंह परसवाल, चंद्रपाल सिंह धनखड़, साधुराम सैनी, टेकचंद सैनी, महावीर सैनी, लाल सिंह सैनी, सतपाल नरवत, समुंद्र सिंह भाखड़, नरबीर सिंह तेवतिया, विनोद सैनी, छोटेलाल सैनी, बुद्धिराम शर्मा, अमर सिंह सैनी, बिजेंद्र सैनी, चिम्मनलाल सैनी, रामचंद्र सैनी, रणवीर सिंह धनखड़, नरसिंह, हरिसिंह सैनी, उदयवीर सैनी सहित अनेकों किसान मौजूद थे।
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