कोरोना महामारी में परीक्षाएं कराना छात्रों को मौत के मुंह में धकेलने के सामान : कृष्ण अत्री

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Today Express News / Report / Ajay Verma / फरीदाबाद। आज एनएसयूआई फरीदाबाद के कार्यकर्ताओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करके महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के नाम जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में डीडीपीओ राकेश मोर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा के पास करने तथा सभी स्कूल-कॉलेजों की 6 माह की फीस माफ करने की मांग की हैं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के डर से लोग अपने घरों में बैठे हुए है लेकिन बीजेपी की छात्र विरोधी नीतियों के कारण छात्र आये दिन सड़को पर खड़े होकर अपने हकों की लड़ाई लड़ते रहते हैं। हाल ही में यूजीसी ने फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं कराने को लेकर के गाइडलाइन जारी की हैं जिसमें पूरे देश के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं करवाना अनिवार्य बताया गया हैं जबकि यूजीसी की ही गाइडलाइन पर हरियाणा समेत कई प्रदेश परीक्षा ना कराने का फैसला ले चुके थे। कृष्ण अत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप आये दिन बढ़ता जा रहा हैं, जहाँ हमारा देश 7वें नंबर पर हुआ करता था आज तीसरे नंबर पर आ चुका हैं और ना ही अभी तक कोई दवाई बन पाई हैं। ऐसे घातक समय में छात्रों की परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है जबकि ना तो लोकसभा सत्र बुलाया जा रहा हैं और ना ही किसी प्रदेश में विधानसभा सत्र बुलाये जा रहे हैं। ऐसे में परीक्षाएं कराना छात्रों को मौत में मुँह में धकेलना हैं। वहीं कृष्ण अत्री ने छात्रों की दूसरी समस्या के बारे में कहा कि आज भाजपा सरकार प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों की मनमानी को चुपचाप बैठकर देख रही हैं। कोरोना महामारी के कारण पूरे देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा हैं, लोगों को अपना जीवनयापन करने में भी परेशानी आ रही है तो ऐसे में फीस कहाँ से भरेंगे?
कृष्ण अत्री ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की  दोगली नीति आज देश के युवाओं को पता चल चुकी है। इनकी कहनी और कथनी में जमीन आसमान का अंतर दिख रहा हैं। उन्होंने अपनी दोनों मांगो  पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी को ध्यान में रखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार को छात्रहितों में फैसला लेना चाहिए और फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा लिए पास कर देना चाहिए। इसके साथ ही सभी स्कूल-कॉलेजों की 6 माह की फीस माफ कर देनी चाहिए। अत्री ने कहा अगर सरकार ने एनएसयूआई की मांग नहीं मानी तो एनएसयूआई आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
इस मौके ओबीसी सेल के प्रदेश महासचिव जमील मलिक, धर्मेंद्र शर्मा अमित बघेल, निशांत चंदीला, शेफाली  चिब, निखिल कुमार, सचिन तंवर, हंस आर्यन, राहुल वर्मा, कपिल शर्मा, दीपक चौधरी, सुशांत, अनिल, अजय आदि मौजूद थे।

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