टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । अजय वर्मा । दिनांक 18 फरवरी 2022 को मुकदमा नंबर 50 साल 2018 महिला थाना एनआईटी के केस में फरीदाबाद निवासी एक आदमी ने पुलिस को बयान दिया कि मैं रिक्शा चलाता हूं, पीड़िता के माता-पिता नौकरी करते हैं, दिन में पीड़िता मेरी पत्नी के पास रहती है। दिनांक 11. 8 .2018 को पीड़िता की मां ने कहा कि अंदर से दरवाजा बंद करके टीवी देख लेना।जब मैं रिक्शा लेकर पीड़िता के घर के पास पहुंचा तो अंदर से दरवाजा खटखटाने की आवाज आ रही थी, मैंने बाहर से कुंडी खोली तो अंदर पीड़िता रो रही थी आसपास खून पड़ा हुआ था यह देखकर मैंने 100नंबर पर पुलिस को फोन किया। पीड़िता ने बताया कि एक ने व्यक्ति ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया था और उसे कमरे में बंद कर दिया। जिस पर 342 ,450 आईपीसी 6 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया ।पुलिस ने मामले की गहनता से छानबीन की पीड़िता का मेडिकल सरकारी अस्पताल में करवाया ।आरोपी नासिर खान उर्फ समीर खान पुत्र फरीद खान निवासी मानपुर थाना खंदौली जिला आगरा जो न्यू जनता कॉलोनी फरीदाबाद में रहता था को दिनांक 13 अगस्त 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया और अदालत ने उसे जेल भेज दिया ।यह मामला श्रीमती जैस्मिन शर्मा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन था, सरकारी वकील श्री बी एल सोनी ने पीड़िता की तरफ से पैरवी की और आरोपी नासिर खान को दुष्कर्म का दोषी सिद्ध करवा दिया ।
साढ़े चार साल की नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष की सजा
अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए बच्चों के विरुद्ध अपराध और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत ₹40000 जुर्माना तथा 20 वर्ष की सजा सुनाई तथा पीड़ितों को विक्टिम कंपनसेशन स्कीम 2020 के तहत जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण फरीदाबाद की तरफ से ₹700000 मुआवजा देने का आदेश फरमाया।