टुडे एक्सप्रेस न्यूज। रिपोर्ट अजय वर्मा । फरीदाबाद। बिजली के क्षेत्र को साइबर अटैकों और ब्लैक आउट जैसी स्थिति से बचाने के लिए विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) कॉरपोरेट कार्यालय सेक्टर 33 में एक सप्ताह के बेसिक लेवल साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। एनपीटीआई की महानिदेशक डा. तृप्ता ठाकुर के दिशा निर्देशन में साइबर सुरक्षा पर 7 फरवरी तक चलने वाले कार्यक्रम की शुरुआत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) में सलाहकार एवं वैज्ञानिक-जी ए. के. त्रिपाठी ने की। इस प्रशिक्षण में अदानी पावर, एमएनआरई, एनआईएसई, एनआईडब्ल्यूई, एसएसएस-एनआईबीई, एसईसीआई और इरेडा सीएसपीजीसीएल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत करीब 41 अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें भाग लेने वाले सबसे ज्यादा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से हैं जो पहली बार प्रशिक्षण ले रहे हैं। बेसिक लेवल साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में साइबर रिस्क मैनेजमेंट, मोड ऑफ अटैक, नेटवर्क सिक्युरिटी, एप्लीकेशन सिक्युरिटी और बेस्ट प्रक्टिस एंड अवेयरनैश जैसे साइबर सुरक्षा से जुडे विषयों पर सत्र आयोजित होंगे। इन सत्रों के दौरान सभी प्रतिभागियों को साइबर सिक्युरिटी लैब में भी प्रक्टिकल ट्रैनिंग दी जाएगी। इन सत्रों में साइबर हमले के तरीकों के बारे में बताया जाएगा, जिसमें मैलवेयर (सॉफ़्टवेयर को नुकसान पहुँचाना या अक्षम करना), फ़िशिंग (नकली संचार जो व्यक्तियों को व्यक्तिगत डेटा प्रकट करने के लिए धोखा देते हैं), रैनसमवेयर (सॉफ़्टवेयर जो फ़ाइलों को लॉक करता है और उन्हें रिलीज़ करने के लिए भुगतान की मांग करता है) जो सिस्टम को ओवरलोड करके उन्हें अनुपयोगी बना देते हैं। बिजली के बुनियादी ढांचे पर ऐसे हमलों के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
एमएनआरई में सलाहकार एवं वैज्ञानिक-जी ए. के. त्रिपाठी ने बताया कि अक्षय ऊर्जा पावर प्लांटों को साइबर अटैकों से बचाना बहुत जरूरी है। बिजली या ऊर्जा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र स्थापित करना समय की मांग है। बिजली क्षेत्र किसी भी देश का महत्वपूर्ण ढांचा होता है, एक बार इसमें सेंध लग जाए तो सब कुछ ठप हो जाएगा। ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो जाएगी। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र लंबे समय से साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से सबसे कमजोर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में से एक रहा है। 24/7 बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना केवल सुविधा का मामला नहीं है; यह भारत की विकसित राष्ट्र बनने की महत्वाकांक्षा का आधार है।
बेसिक लेवल साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान एमएनआरई की एचओजी एंव वैज्ञानिक-जी, सुश्री सीमांतिनी सेनगुप्ता, एमएनआरई में एचओडी एवं वैज्ञानिक-एफ आदर्श सैवाल, एमएनआरई के डिप्टी सीआईएसओ एवं वैज्ञानिक-ई मोहम्मद शाहिद हसनैन, वैज्ञानिक-एफ पंकज बजाज, वैज्ञानिक-ई अशोक सक्सेना सहित एनपीटीआई के निदेशक (आईटी) डॉ एन के श्रीवास्तव, उप निदेशक वरुण कुमार और उप निदेशक डॉ महेंद्र सिंह उपस्थित रहे।