इस्तेमाल किए हुए मास्क एवं दस्तानों के निपटान के बारे में जागरूकता अभियान चलाया गया.

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Awareness campaign was conducted about disposal of used masks and gloves.

Today Express News / Report / Ajay Verma / हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों में लोगों को मास्क एवं दस्तानों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने और इस्तेमाल किए हुए मास्क एवं दस्तानों आदि का सुरक्षित निपटान करने बारे जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री अशोक खेतरपाल ने आज यहां कोविड-19 महामारी के दौरान आम जनता को मास्क, वाइप्स और दस्तानों के सुरक्षित निपटान के बारे जागरूक करने के लिए तैयार की गई आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) सामग्री जारी करते हुए यह जानकारी दी। यह आईईसी सामग्री बोर्ड द्वारा पर्यावरण अध्ययन विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय और सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल, पीजीआई,चण्डीगढ़ के सहयोग से तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि आम जनता को सुरक्षित निपटान प्रथाओं का पालन करने के लिए जागरूक करने हेतु सरकार द्वारा जारी नवीनतम दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए यह आईईसी सामग्री तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोरोना की रोकथाम के लिए सरल कार्रवाई पर जोर दिया गया।

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उन्होंने कहा कि कोराना महामारी के दौरान लोगों को इस महामारी से स्वयं को बचाने के लिए इस्तेमाल किए जा चुके मास्क एवं दस्तानों जैसी वस्तुओं के सुरक्षित निपटान के बारे जानकारी होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि वर्तमान परिस्थितियों में उन्हें कैसे सुरक्षित रहना है। इस अवसर पर उपस्थित बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस. नारायणन ने मास्क, फेस कवर, वाइप्स और दस्तानों के सुरक्षित निपटान बारे विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि उपयोग के बाद मास्क या दस्तानों को अपशिष्ट एकत्रित करने वालों को सौंपने से पहले तीन दिनों के लिए पॉलीबैग में संग्रहीत किया जाना चाहिए ताकि कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। पंजाब विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग की अध्यक्षा डॉ. सुमन मोर ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को प्रयुक्त मास्क और दस्ताने के सुरक्षित निपटान के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। पर्यावरणीय स्वास्थ्य, पीजीआई चण्डीगढ़ के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ.रवींद्र खाईवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हम सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी के माध्यम से इस संक्रमण के फैलने को नियंत्रित कर सकते हैं, क्योंकि इससे आम जनता में कोविड-19 के फैलने का जोखिम कम होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पर्यावरण इंजीनियर श्री सतेन्द्र पाल ने कहा कि इस आईईसी सामग्री को व्यापक जागरूकता के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर रखा जाएगा।

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