TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 के प्रावधानों को योजनबद्ध तरीके से लागू कर राजधानी को तम्बाकू मुक्त बनाने करने की शुरूआत की है। यह जानकारी दक्षिणी दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) श्री पी.कामराज ने दी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पहले अपने अधिकारियों और जवानों को सीओटीपीए का प्रशिक्षण दिया और उन्हें इस कानून के प्रति संवेदीकृत किया। इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई शुरू की। दिल्ली पुलिस का यह अभियान श्री कामराज के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (सीओटीपीए) एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य तम्बाकू सेवन(उपयोग) को कम करना है और बिना वैधानिक चेतावनी के सार्वजनिक स्थानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन और प्रचार, स्कूलों के 100 गज के भीतर और नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाता है। यह कानून तम्बाकू का सेवन करने वाले और सेवन न करने वाले दोनों के स्वास्थ्य सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
पूरी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के इस अभियान के बारे में उन्होंने बताया कि यह बहुत खुशी की बात है कि सभी जिलों की पुलिस द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की गई और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान चलाया गया। और इस काम में हमें संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और मैक्स इंडिया फाउंडेशन का हमेशा साथ मिला। हम इस महत्वपूर्ण पहल को जारी रखेंगे जिससे कि धूम्रपान करने वालों में व्यावहारिक बदलाव आए जिससे नि धूम्रपान न करने वाले लोगों को भी मदद मिलेगी।
मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मोहिनी दलजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली में तंबाकू सेवन का 17.8ः लेागों में प्रचलन है, और इससे तम्बाकू के कारण प्रति वर्ष 10000 से अधिक मौतें हेाती है। राजधानी में प्रति दिन 81 बच्चे तम्बाकू का उपयोग शुरू करते हैं। हम दिल्ली पुलिस द्वारा युवाओं को बचाने के अच्छे काम की सराहना करते हैं।
राजधानी में तम्बाकू के सेवन को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2017 के 700 चालानों के स्तर को फरवरी 2018 में बढ़ाकर 6,000 कर दिया था। शीर्ष तीन प्रदर्शनकारी जिलों को 19 अप्रैल को कंस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली के एक समारोह में सम्मानित किया गया। दक्षिण-पूर्व जिले के पुलिस उपायुक्त श्री चिन्नोय बिस्वाल, उत्तर जिले के डीसीपी श्री जतिन नरवाल और दक्षिण जिले के डीसीपी श्रीमती रोमिल बानिया को स्मृति चिह्न भेंट कर उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह में इस बात पर खुशी जाहिर की गई कि इस दिशा में अन्य जिलों ने भी अपनी गतिविधियां पर गति बढ़ा दी है। इसके अलावा विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था दक्षिण) श्री पी. कामराज और विशेष आयुक्त श्री प्रवीर रंजन को दिल्ली में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (सीओटीपीए) को लागू करने के उनके अनुकरणीय नेतृत्व और योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मैक्स ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष और वीओटीवी संरक्षक डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा, सभी तरह के 50ःकैंसर की बीमारी और 90ःमौखिक कैंसर का कारण तम्बाकू और इसके उत्पादों का सेवन है। यदि तंबाकू समाज से समाप्त हो जाए, तो हम सभी प्रकार के 50ः कैंसर को रोक सकते हैं। दिल्ली में लगभग 11ः आबादी धूम्रपान करती है, लेकिन यह अन्य 89ः लेागों पर धुएं का असर डालती है। इससे वैसे भी लोगों का स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो जाता है जो धूम्रपान या तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करते। दिल्ली पुलिस द्वारा यह अभियान दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करता है और इसलिए इसकी सराहना की जानी चाहिए।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं टुबैको कंट्रोल के प्रमुख श्री संजय सेठ ने इस प्रशंसनीय कार्य के लिए दिल्ली पुलिस का धन्यवाद करते हुए ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू सर्वेक्षण – 2017 में केरल और कर्नाटक राज्यों में किए गए सर्वेक्षण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन दो राज्यों में पुलिस द्वारा एक साथ शैक्षिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने और सीओटीपीए के कार्यान्वयन के माध्यम से तम्बाकू के सेवन की रोकथाम का जुड़वां कार्यक्रम चलाया गया था। इन कार्यक्रम के कारण इन राज्यों में तम्बाकू के उपयोग में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि एसएचएफ की टीम दिल्ली में इस कार्यक्रम पर डॉ. हीना शेख और प्रमोद कुमार अपना काम जारी रखेंगे।
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