TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA )फरीदाबाद, 22 फरवरी। स्कूल ऑफ फार्मेसी, लिंग्याज विश्वविद्यालय ने हरियाणा राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी, डीएसटी, हरियाणा सरकार द्वारा प्रायोजित आईपीआर जागरूकता कार्यक्रम के तहत गत दिवस राष्ट्रीय संगोष्ठी व कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ पिचेश्वर गड्डे, चांसलर, लिंग्या विश्वविद्यालय और प्रोफेसर (डॉ.) आर के चौहान के सक्षम मार्गदर्शन के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) सौरभ दहिया, हेड स्कूल ऑफ फार्मेसी थे।
डॉ. राहुल तनेजा, डीएसटी में वैज्ञानिक, डॉ यशवंत देव, टीआईएफएसी (प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और आकलन परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार) सुश्री अवीपशा ठाकुर, सहायक उपाध्यक्ष, सीआईपीएएम, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सरकार भारत, संसाधन व्यक्तियों ने कार्यशाला के विषय पर प्रतिभागियों के ज्ञान और कौशल मूल्य में वृद्धि की। उन्होंने प्रतिभागियों को बेहतर आईपीआर प्रबंधन के लिए उपलब्ध सरकारी सुविधाओं और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
डॉ. राहुल तनेजा ने पीसीटी आवेदन (प्रारुपण और अन्य अभियोजन प्रारूप), कन्वेंशन आवेदन (खोज रिपोर्ट विश्लेषण, दस्तावेजों का निरीक्षण, फाइलिंग, सतर्कता नोटिस, नकली वस्तुओं की जब्ती के लिए कस्टम पर आईपीआर प्रवर्तन नियमों के कार्यान्वयन सहित) ट्रेडमार्क, डिजाइन (फाइलिंग, परीक्षा रिपोर्ट का उत्तर) और कॉपीराइट के बारे में बताया।
डॉ. यशवंत देव ने भारत और अन्य देशों में पेटेंट दाखिल करने और मुकदमा चलाने के बारे में प्रतिभागियों को शिक्षित किया और शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी अनुसंधान एवं विकास संस्थानों की प्रक्रिया प्रासंगिकता भी दी।
सुश्री अवीपशा ठाकुर ने राष्ट्रीय आईपीआर नीति के कार्यान्वयन पर प्रतिभागियों को शिक्षित किया। प्रोफेसर (डॉ्) सौरभ दहिया ने तकनीकी सत्रों और पोस्टर प्रस्तुतियों के लिए सभी सहभागियों को धन्यवाद दिया।