TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) फरीदाबाद में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने वाली हजारों आशा वर्कर महिलाओं का गुस्सा उस वक्त फूट गया जब वायदे के अनुसार आशा वर्करों ने आज 30 जनवरी को सत्याग्रह करते हुए जेल भरो आंदोलन किया। इस आंदोलन में प्रदेश की सर्व कर्मचारी संघ नगरपालिका कर्मचारी संघ और अन्य दर्जनों कर्मचारियों की यूनियन भी शामिल रही। सभी यूनियनों ने फरीदाबाद सेक्टर 12 लघु सचिवालय पर पैदल मार्च करते हुए जोरदार हरियाणा सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए । हालांकि लघु सचिवालय पर पहले से जेल भरो आंदोलन की सूचना होने के बाद पुलिस प्रशासन ने कड़ा पहरा लगा रखा था उसके बावजूद भी कर्मचारियों के गुस्से के सामने पुलिस का पहरा ध्वस्त नजर आया और हजारों कर्मचारी नाकाबंदी को तोड़कर जिला लघु सचिवालय के सामने पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस बारे में सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष सुभाष लांबा ने कहा की सरकार दोहरी राजनीति कर रही है पिछले 15 दिनों से आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर सिविल अस्पताल पर धरना दे रही हैं उसके बावजूद भी सरकार इन महिलाओं की मांगे सुनने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। महिलाओं की मांगो की बात करें तो हजारों आशा वर्कर समान काम समान वेतन और पक्का करने की मांग के चलते प्रदर्शन कर रही है जो भी सरकार ने सत्ता में आने से पहले घोषणा की थी लेकिन वायदों पर वादाखिलाफी करने वाली सरकार ने एक भी वादा इन 3 सालों में पूरा नहीं किया है । इसलिए मजबूरन सभी कर्मचारी जेल में जाने के लिए तैयार हैं । लंबा का मानना है की आशा वर्करों को जितना पैसा मिलता है इतने पैसे में उनके परिवार का गुजारा नहीं हो सकता इसलिए सभी आशा वर्कर जेल में जाकर चैन से खाना खा सकती हैं । वही महासचिव सुभाष लांबा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा इस आंदोलन के बाद भी सरकार की नींद नहीं खुली आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश के अंदर अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा । वही आज के जेल भरो आंदोलन के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में वाहन ना होने के चलते लांबा ने कहा या तो सरकार इन कर्मचारियों को जेल में ले जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में वाहन मंगवाए नहीं तो सभी कर्मचारी लघु सचिवालय के सामने ही धरने पर बैठे रहेंगे।
सुभाष लंबा, सर्व कर्मचारी संघ, प्रदेश महासचिव।
वही प्रदर्शनकारी आशा वर्कर महिला की माने तो पिछले 15 दिन से हजारों आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है इसलिए आज उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरकर जेल में जाना पड़ रहा है।
प्रदर्शनकारी महिला आशावर्कर।