![Child swallowed four and a half inch long needle while playing Child swallowed four and a half inch long needle while playing](https://www.todayexpressnews.com/wp-content/uploads/2025/02/IMG-20250211-WA0002-696x464.jpg)
टुडे एक्सप्रेस न्यूज। रिपोर्ट अजय वर्मा। फरीदाबाद: सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में बल्लभगढ़ क्षेत्र के साहुपुरा गाँव से इमरजेंसी में आये नौ वर्षीय तेज सारंग की छोटी आंत में फंसी साढ़े चार इंच लंबी सिलाई करने वाली सुईं को मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में पेट एवं लिवर रोग विभाग के प्रोग्राम क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. बीर सिंह सहरावत ने बिना ऑपरेशन किए सफलतापूर्वक एंडोस्कोपी द्वारा निकाल बच्चे की जान बचाई। डॉ. बीर सिंह सहरावत, प्रोग्राम क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी-पेट एवं लिवर रोग विभाग, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने बताया कि हमारे पास एक नौ साल का बच्चा पेट में नीडल (सुईं) निगलने की शिकायत के साथ आया। परिजन की जानकारी के अनुसार, बच्चा दो दिन पहले लगभग साढ़े चार इंच की नीडल मुंह में रखकर खेल रहा था। अचानक से खांसी का ठसका आया और बच्चा नीडल को मुंह के अंदर निगल गया। एक्सरा कराने पर पता चला कि नीडल (सूई) पेट के अंदर रुकी हुई है। बच्चे को काफी बेचैनी हो रही थी इसलिए बच्चे को एडमिट कर लिया। एंडोस्कोपी के दौरान हमने देखा कि लगभग साढ़े चार इंच की नीडल बच्चे की छोटी आंत के अंदर फंसी हुई थी। नीडल का कुछ हिस्सा छोटी आंत की दीवार के अंदर घुसा हुआ था। ऐसे में कई बार आंत के अंदर लीकेज हो जाता है और आंत के मेटल बाहर निकल जाते हैं। फिर बड़ा ऑपरेशन करने की नौबत आ जाती है। लेकिन हमने एंडोस्कोपी के द्वारा सुरक्षित रूप से नीडल को बाहर निकाल दिया। इस केस में ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ी। मरीज को कुछ समय खाली पेट भी रखा गया। जैसे-जैसे नीडल की वजह से बना जख्म भरता गया, मरीज को मुंह के द्वारा खाने खिलाना शुरू किया गया। स्वस्थ होने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया। अब बच्चा पूरी तरह ठीक है और सामान्य रूप से खाना भी खा रहा है। अगर समय पर इलाज न किया जाता तो बच्चे की जान को खतरा बढ़ सकता था। बिना ऑपरेशन किए सुरक्षित रूप से नीडल को बाहर निकालने पर मरीज के पिता मानसिंह ने हॉस्पिटल एवं डॉक्टर बीर सिंह सहरावत का शुक्रिया किया।
डॉ. बीर सिंह सहरावत ने कहा कि यह केस काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि सुईं फ़ूड पाइप और खाने की थैली को पार करके छोटी आंत तक पहुँच गई थी। सुईं ने छोटी आंत की दिवार में पंक्चर कर दिया और वहां पर अटक गई थी। सुईं बहुत ज्यादा अंदर थी। ऐसी जगह से कई बार नुकीली वस्तु को निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है और फिर सर्जरी करके ही निकालना पड़ता है लेकिन हमने एंडोस्कोपी की मदद से 25 मिनट के अंदर सुईं को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल दिया। स्वस्थ होने पर दो दिन बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया। इस दौरान गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. संजय कुमार का भी विशेष योगदान रहा।
सलाह: अक्सर बच्चे बहुत ज्यादा नुकीली वस्तुओं जैसे नीडल, खिलौने, या पेच आदि को मुंह में रखकर खेलते रहते हैं जब भी बच्चों को एक दम से खांसी का ठसका आ जाने या उनका ध्यान कहीं और जाने पर या एक दम से घबराहट होने पर नुकीली वस्तु को निगल जाते हैं इसलिए विशेष ध्यान रखें कि बच्चे किसी भी ऐसी नुकीली वस्तु के साथ न खेलने जिससे उन्हें नुकसान पहुच सकता है। कई बार बच्चे सिक्के भी मुंह के अंदर रखकर खेलते हैं। जब भी इस तरह की घटना हो तो बच्चे को कुछ भी न खिलाएं और तुरंत हॉस्पिटल में ले जाएँ।