2 फरवरी को क्यों मनाया जाता है रूमेटाइड अर्थराइटिस अवेयरनेस डे

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Dr. Sanjeev Kapoor

टुडे एक्सप्रेस न्यूज। रिपोर्ट अजय वर्मा । 2 फरवरी 2025 रूमेटाइड अर्थराइटिस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है। इस बारे में जानकारी देती हुए डॉ. संजीव कपूर, प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने बताया कि रूमेटाइड अर्थराइटिस हड्डियों के ज्वाइंट्स से जुडी एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द, सूजन का कारण बनती है और कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाती है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें शरीर की इम्यूनिटी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाती है। यह बीमारी आमतौर पर युवावस्था में शुरू होती है और 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। यह बीमारी अनुवांशिक होती है। यह बीमारी आमतौर पर पहले हाथ और पैरों के छोटे जॉइंट्स को प्रभावित करती है। शुरुआत में इस रोग में दर्द शुरू होता है, फिर बाद में यह कलाई, कोहनी, घुटने, टखनों, कूल्हे और कंधों तक फैल सकती है। इलाज न कराने पर हड्डी, मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। धीरे-धीरे जॉइंट्स में टेढ़ापन आना शुरू हो जाता है। बॉडी का खराब पोस्चर इस समस्या को ज्यादा बढ़ा सकता है। मरीज को चलने-फिरने में काफी तकलीफ होती है। सर्दी के मौसम में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। एक महीने में ओपीडी में लगभग 8-10 मरीज रूमेटाइड अर्थराइटिस के आते हैं जिनमें ज्यादातर 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं होती है। ऐसे मरीज ज्यादा होते हैं जिनके माता-पिता इस बीमारी से ग्रस्त रहे हैं।

लक्षण की अनदेखी न करें:

खासकर हाथ या मल्टीप्ल जॉइंट्स में लगातार दर्द और सूजन को नज़रंदाज न करें। अगर कोई ट्रॉमा की हिस्ट्री नहीं है और अचानक से जॉइंट्स में दर्द है तो इसे गंभीर से लेना चाहिए।

बचाव:

· नियमित व्यायाम करें जैसे-वॉकिंग, स्विमिंग, स्ट्रेचिंग, साइकिलिंग, जॉइंट्स को मजबूत बनाने वाली व्यायाम करें

· अपनी बॉडी का पोस्चर सही रखें जैसे आलती-पालती मारकर न बैठें

· जॉइंट में थोडा सा दर्द होने पर भी सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें

· अपने जॉइंट्स को चोट लगने से बचाएं

· जिस जॉइंट में दर्द है, उसे आराम देना चाहिए। अगर जॉइंट में लगातार सूजन बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

· शुरुआत में ही इस बीमारी का इलाज होना चाहिए

· शरीर का वजन नियंत्रण करें

· अगर किसी की फैमिली में आर्थराइटिस है तो उन्हें ज्यादा ध्यान रखना है जैसे संतुलित आहार लें। कैल्शियम, एंटी ऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार का सेवन करें। शुरू से अपने शरीर का पोस्चर सही रखें।

· अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है तो अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेते रहें, अपनी मर्जी से दवाएं बीच में न छोड़ें

· बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।

· दर्द निवारक दवाओं के अत्यधिक सेवन से बचें क्योंकि इससे आपकी किडनी, लिवर को नुकसान पहुँच सकता है

· धूम्रपान एवं शराब के सेवन से बचें

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