मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने विश्व मेनिनजाइटिस दिवस मनाया: मेनिनजाइटिस को हराने के लिए एकजुट रहे

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Dr. Kunal Bahrani is the Director and HOD of Neurology Department.

टुडे एक्सप्रेस न्यूज । रिपोर्ट अजय वर्मा । फरीदाबाद: गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाकर 5 अक्टूबर 2024 को विश्व मेनिनजाइटिस दिवस मना रहा है। विश्व मैनिंजाइटिस दिवस, हर वर्ष इसी दिन मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मैनिंजाइटिस, इसकी रोकथाम और इसके वैश्विक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जनता को जागरूक करना है। इस वर्ष का अभियान मेनिनजाइटिस के खिलाफ लड़ाई में शीघ्र पहचान, टीकाकरण और समय पर उपचार के महत्व पर जोर देता है। मेनिनजाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो गंभीर विकलांगता का कारण बन सकती है या यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। विश्व मैनिंजाइटिस दिवस 2024 की थीम, “आगे का मार्ग रोशन करें”, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2030 तक मैनिंजाइटिस को हराने के लक्ष्य को प्राप्त करने की आशा का प्रतीक है, साथ ही इस रोग से प्रभावित लोगों को सम्मानित भी करता है। न्यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व क्लिनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. कुणाल बहरानी करते हैं।

हर वर्ष 2.5 मिलियन लोगों में मे मेनिनजाइटिस का निदान (डायग्नोसिस) होता है। इसके दूरगामी प्रभावों के बावजूद, बहुत से लोग अभी भी इस बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं और न ही यह जानते हैं कि स्वयं और अपने परिवार की सुरक्षा कैसे की जाए। यह नॉलेज गैप अपर्याप्त मदद के साथ, प्रभावित लोगों को अलग-थलग महसूस करा सकता है।

मेनिनजाइटिस ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर की सुरक्षात्मक झिल्लियों की सूजन है, जो तेजी से विकसित हो सकती है और गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है। हालाँकि यह किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन शिशुओं, छोटे बच्चों, किशोरों और कमजोर इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) वाले व्यक्तियों को इसका विशेष खतरा होता है। टीकाकरण बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के कई रूपों के विरुद्ध सबसे प्रभावी सुरक्षा है, फिर भी बहुत से लोग उपलब्ध टीकों के बारे में अनजान हैं या उन तक उनकी पहुंच नहीं है। मेनिनजाइटिस एक मेडिकल इमरजेंसी (चिकित्सीय आपातस्थिति) है जो कुछ ही घंटों में जानलेवा हो सकती है या मरीज को जीवन भर के लिए जटिलताएं दे सकती है। इसके लक्षणों को अक्सर अन्य बीमारियों, जैसे कि कोविड-19 या फ्लू, समझ लिया जाता है, जबकि रोग तेजी से बढ़ सकता है। मैनिंजाइटिस के आम लक्षणों में अचानक तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, गंभीर सिरदर्द, मतली या उल्टी, भ्रम या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, दौरे पड़ना, नींद आना या जागने में परेशानी और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता शामिल हैं।

मेनिनजाइटिस के कारण अनेक प्रकार की लंबे समय के लिए विकलांगताएं हो सकती हैं, जो संक्रमण की गंभीरता और उपचार की गति पर निर्भर करती है। ये जटिलताएं लंबे समय के लिए पड़ने वाले प्रभावों के जोखिम को कम करने के लिए शीघ्र पहचान और इलाज की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर करती हैं। विशेष रूप से बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के कारण सबसे आम लंबे समय के लिए पड़ने वाले परिणामों में से एक है- सुनने की क्षमता में कमी या बहरापन है, जो आंतरिक कान में नसों को क्षति पहुंचने के कारण होता है। मरीजों को याददाश्त संबंधी समस्याओं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, तथा सीखने या जानकारी को सँभालने में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों को ब्रेन की सूजन या क्षति के कारण मिर्गी रोग हो जाता है। ऑप्टिक तंत्रिकाएं भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे दृष्टि हानि हो सकती है या गंभीर मामलों में अंधापन भी हो सकता है। ऑप्टिक नसें (आंखों से मस्तिष्क तक दृश्य संदेश भेजने वाली नसें) भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आँखों की रोशनी कम हो सकती है या गंभीर मामलों में अंधापन भी हो सकता है। नस या ब्रेन डैमेज के कारण मांसपेशियों में कमजोरी, कोऑर्डिनेशन की समस्या या यहां तक कि पैरालिसिस भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, बीमारी का सदमा या ब्रेन पर इसके प्रभाव के कारण जीवित बचे लोग चिंता, डिप्रेशन, मनोदशा में उतार-चढ़ाव या व्यक्तित्व में परिवर्तन से जूझ सकते हैं।

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में न्यूरोलॉजी विभाग के क्लिनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. कुणाल बहरानी कहते हैं, “मेनिनजाइटिस एक विनाशकारी बीमारी है जो किसी को भी, कहीं भी हो सकती है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। जागरूकता बढ़ाकर और टीकाकरण कवरेज का विस्तार करके, हम सामूहिक रूप से मेनिनजाइटिस की वैश्विक घटनाओं को कम कर सकते हैं। विश्व मेनिनजाइटिस दिवस इस बात की सशक्त याद दिलाता है कि रोकथाम और शीघ्र पहचान जीवन बचाने में महत्वपूर्ण हैं। हम टीकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समय पर मेडिकल केयर (चिकित्सा देखभाल) सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं।”

मेनिनजाइटिस और नवजात सेप्सिस दोनों मिलकर विश्व भर में गंभीर बौद्धिक विकलांगता का प्रमुख कारण हैं। यह रोग प्रभावित 10 में से 1 व्यक्ति की जान ले लेता है तथा 5 में से 1 व्यक्ति को आजीवन विकलांगता का सामना करना पड़ता है। मेनिनजाइटिस तेजी से बढ़ता है, जिससे इलाज के लिए बहुत कम समय बचता है, इसलिए जल्द से जल्द कदम उठाना आवश्यक हो जाता है। फ्लू जैसे समान लक्षण वाली अन्य बीमारियों के विपरीत, जो आराम करने से ठीक हो जाती हैं, मैनिंजाइटिस से स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आती है और तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यह एक जीवन बदल देने वाली बीमारी है, जो उन परिवारों पर गहरा असर डालती है जो अपने प्रियजनों को खो देते हैं तथा उन लोगों पर भी जो अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं।

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के बारे में: फरीदाबाद सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल- मैरिंगो एशिया नेटवर्क हॉस्पिटल का प्रमुख हॉस्पिटल है, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक महान इरादे के साथ समूहों का नेतृत्व करता है। यह हॉस्पिटल हरियाणा में 5 एकड़ के विशाल परिसर में फैला हुआ है। इस हॉस्पिटल को 500 बेड वाले टर्षियरी केयर मल्टी-स्पेशियलिटी फैसिलिटी के रूप में बनाया गया है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल प्रसिद्ध चिकित्सकों और सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हॉस्पिटल में शहर का पहला और सबसे बड़ी क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट भी मौजूद है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में चिकित्सीय विशेषज्ञताओं पर केंद्रित उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं, नवीनतम जांच सेवाओं और अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त एक सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल है जो आम लोगों की जरूरतों को पूरा करती है। इस हॉस्पिटल की योजना, डिजाइन और निर्माण खुद इसे भारत में सबसे अच्छे अस्पतालों के भवनों में शुमार करती है।

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Vidya Pawan Kapoor
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