• इस सेवा के तहत 10,000 से अधिक किसानों का एक मजबूत नेटवर्क शामिल है, साथ ही 150 से अधिक बल्क मिल्क कूलर का उपयोग किया जा रहा है। कंपनी हर दिन 2 लाख लीटर दूध प्रोसेस करने की क्षमता रखती है।
• मिल्कलेन का डिजिटल और तकनीकी रूप से सक्षम इंफ्रास्ट्रक्चर दूध की गुणवत्ता की जांच और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है।
• विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का डेयरी बाजार 2032 तक 50,000 बिलियन भारतीय रुपये तक पहुंचने की संभावना है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश और सेवाओं की महत्वपूर्ण मांग बढ़ेगी।
टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ | भारत, 04 अक्टूबर, 2024: स्विस-इंडियन फूड और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म कंपनी इनोटेरा के अग्रणी डेयरी ब्रांड मिल्कलेन ने अपनी नई डेयरी प्रोक्योरमेंट सेवाओं की शुरुआत की है। इसके तहत डेयरी कंपनियों, स्टार्टअप्स और इस क्षेत्र में नई कंपनियों को उच्च गुणवत्ता वाला, अफ्लेटॉक्सिन और एंटीबायोटिक मुक्त दूध उपलब्ध कराया जाएगा। पीएएएस (प्रोक्योरमेंट एज़ अ सर्विस) के तहत, मिल्कलेन डेयरी किसानों से रॉ चिल्ड मिल्क (आरसीएम) खरीदेगा, जिससे दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
इस सेवा की शुरुआत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में की गई है, जो ग्राहकों को पूरे साल अच्छी और स्थायी गुणवत्ता वाला दूध प्रदान करेगी। इससे व्यवसायों को दूध की जटिल खरीद प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और वे अपने मुख्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे, जबकि सोर्सिंग का लाभ उठा पाएंगे।
मिल्कलेन अपनी सेवाएं एक लचीले मॉडल के तहत प्रदान करेगा, जिससे बी2बी ग्राहकों को उनकी जरूरतों के अनुसार कई विकल्प मिलेंगे। इस मॉडल में, मिल्कलेन दूध की खरीद से जुड़े सभी कार्यों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर संभालेगा। बी2बी ग्राहक यह तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे कि वे अपनी पूंजी (कैपेक्स) का निवेश करें या मिल्कलेन द्वारा किराए पर दिए गए उपकरणों का इस्तेमाल करें। इस प्रक्रिया में, ग्राहकों को अपनी खुद की टीम की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनके खर्चों में कटौती होगी। साथ ही, खरीदे गए दूध का स्वामित्व पूरी तरह से उनके पास रहेगा। मिल्कलेन केवल दूध की खरीद से संबंधित प्रशासनिक खर्चों को वसूलेगी। ग्राहक कॉस्ट-प्लस या फिक्स्ड-प्राइस मॉडल में से किसी एक को चुन सकते हैं, जिसे समय-समय पर अपडेट किया जा सकता है। इस मॉडल से हर कदम पर पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।
उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में भारत का डेयरी उद्योग 16,000 बिलियन रुपये से अधिक का था और 2032 तक इसके 50,000 बिलियन रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 12.88% रहेगी।
मिल्कलेन अपनी खरीदारी सेवाओं को 10,000 से अधिक छोटे किसानों के बड़े नेटवर्क के जरिए आगे बढ़ाएगा। इसकी सेवाएं आधुनिक तकनीक और डिजिटल सुविधाओं पर आधारित होंगी। मिल्कलेन के पास 150 से अधिक बल्क मिल्क कूलर्स (BMC) और रोजाना 2 लाख लीटर दूध प्रोसेस करने की क्षमता वाली फैक्ट्री है। ये कूलर रणनीतिक रूप से ऐसे स्थानों पर रखे गए हैं, ताकि दूध दुहने के 45 मिनट के अंदर ठंडा हो जाए, जिससे उसकी गुणवत्ता बरकरार रहे। मिल्कलेन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में चार स्तरों की जांच होती है और सेंट्रल लैब्स में 40 से अधिक परीक्षण किए जाते हैं। यह प्रक्रिया दूध की सुरक्षा और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने में मदद करती है। इसके साथ ही, मिल्कलेन 100% ट्रेस करने योग्य और पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड एक पारदर्शी मॉडल अपनाता है, जो बाजार की स्थितियों के साथ भी तालमेल बनाए रखता है।
डेयरी सप्लाई चेन में गुणवत्ता को बनाए रखने के महत्त्व को समझाते हुए, इनोटेरा इंडिया के बिजनेस हेड अविनाश काशीनाथन ने कहा, “आजकल डेयरी सेक्टर में सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही, दूध की सोर्सिंग विश्वसनीय हो, यह भी बहुत जरूरी हो गया है। यह उद्योग लंबे समय से कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कि वसा और एसएनएफ के असमान स्तर, एंटीबायोटिक से होने वाला संदूषण, हाई माइक्रोबियल काउंट्स और अफ्लेटॉक्सिन की मौजूदगी। इन समस्याओं की वजह से दूध की गुणवत्ता खराब हो जाती है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। मिल्कलेन की दूध खरीदने की नई सेवा इन सभी चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमारी सेवा में, दूध की सोर्सिंग से लेकर फाइनल डिलीवरी तक, हर कदम पर सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया जाता है। हमारा लक्ष्य है कि हमारे ग्राहकों को सुरक्षित और निरंतरता वाले उच्च गुणवत्ता का दूध मिले। हमारा बड़ा किसान नेटवर्क, उन्नत तकनीक और सख्त गुणवत्ता प्रक्रियाएं हमें इन जोखिमों से निपटने में मदद करती हैं, जिससे हम डेयरी उद्योग के व्यवसायों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प बन जाते हैं।”
गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए मिल्कलेन ने एक क्वालिटी-आधारित प्राइसिंग मॉडल अपनाया है। यह मॉडल दूध में पानी मिलाने या अन्य मिलावट को रोकता है। इसमें दूध की जांच के लिए सख्त मानक और उन्नत परीक्षण क्षमताएं होती हैं। कंपनी पशुओं के पोषण पर भी विशेष ध्यान देती है और किसानों को गुणवत्ता प्रबंधन के ज़रिए जोखिम कम करने के लिए ट्रेनिंग और सपोर्ट प्रदान करती है।
गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ-साथ, मिल्कलेन पर्यावरण की स्थिरता और किसानों के लिए खास पहल करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। कंपनी ने दूध इकट्ठा करने के लिए प्लास्टिक की बजाय 5000 स्टेनलेस स्टील की कैन्स का इस्तेमाल शुरू किया है। इससे कंपनी की शुद्ध और सुरक्षित डेयरी उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता और भी मजबूत होती है।