टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । महाराष्ट्र में युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, टीमलीज़ एडटेक, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग (डीएचटीई)-महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने साझेदारी की है। इस साझेदारी का लक्ष्य महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों में रोजगार से जुड़े शिक्षण कार्यक्रमों की क्षमता का लाभ उठाना है। यह साझेदारी 2028 तक अगले पांच सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के राज्य के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सालाना 17.13 फीसदी की सीएजीआर दर की जरूरत होगी।
यह पहल टीमलीज़ एडटेक के लीडिंग टेक-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, डिजीवर्सिटी के नजरिए पर आधारित है। ये अकादमिक शिक्षा को वास्तविक दुनिया के कार्य अनुभवों के साथ जोड़ता है। भारत के टॉप विश्वविद्यालयों और बड़े रोजगारदाताओं के एक मजबूत नेटवर्क के साथ, टीमलीज़ एडटेक एक नया वर्क्ड-लिंक्ड डिग्री प्रोग्राम ऑफर करता है जो शिक्षा और रोजगार के बीच बड़े अंतर को कम करता है। यह मॉडल छात्रों को अमूल्य व्यावहारिक कार्य अनुभव प्राप्त करते हुए अपने शैक्षिक लक्ष्य के बारे में जानकारी पर आधारित निर्णय लेने की सहूलियत देता है। टीमलीज़ एडटेक और एनएसडीसी के बीच साझेदारी से शुरू इस पहल को हाल ही में दिल्ली में एक समारोह के दौरान शिक्षा मंत्रालय का समर्थन मिला। यह भारतीय शिक्षा और कौशल विकास के माहौल में एक परिवर्तनकारी क्षण का प्रतीक है। अकादमिक शिक्षा और व्यावहारिक कार्य अनुभव के बीच आपसी संबंध को बढ़ावा देकर, यह रणनीतिक साझेदारी महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा और रोजगार क्षमता को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। व्यापक पहुंच के कार्य से जुड़े कार्यक्रमों को एनएसडीसी के स्किल इंडिया डिजिटल हब पोर्टल पर भी लिस्ट किया जाएगा।
टीमलीज़ एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने इस साझेदारी पर अपनी राय साझा की: “हमारा मिशन सुलभ, उच्च-गुणवत्ता और व्यापक शिक्षण सॉल्यूशन बनाकर देश भर में स्नातक रोजगार को बढ़ाना है। डीएचटीई और एनएसडीसी के साथ साझेदारी उच्च शिक्षा को अधिक प्रासंगिक और उद्देश्यपूर्ण बनाने की दिशा में हमारी यात्रा में मील का पत्थर है। हमारा लक्ष्य अकादमिक शिक्षा के साथ कार्य-अनुभव को एकीकृत करके महाराष्ट्र के युवाओं को आज के नौकरी बाजार के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिससे कल के कार्यबल को आकार दिया जा सके।”
यह साझेदारी उन कार्यक्रमों के साथ भारत के सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने के लिए तैयार है जो काम करके सीखने, सीखने के दौरान कमाई करने और उन्नत नियोक्ता सिग्नलिंग के साथ सीखने को बढ़ावा देते हैं। यह पहल महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों को रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने और छात्रों को उद्योग के लिए तैयार करने में सक्षम बनाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्र न केवल सैद्धांतिक ज्ञान बल्कि आवश्यक व्यावहारिक कौशल और कार्य अनुभव भी प्राप्त करें। इसके अतिरिक्त, यह एक मजबूत टैलेंट सप्लाई चेन के लिए महाराष्ट्र में कॉरपोरेट्स की जरूरतों को पूरा करता है, जो आज के बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए जरूरी है।
श्री संजीव सिंह, एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, इम्पैक्ट फाइनेंस एंड पार्टनरशिप मैनेजमेंट, एनएसडीसी ने महाराष्ट्र में युवाओं में नौकरी के अनुकूल शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए होने वाले संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए कहा “कार्य-एकीकृत डिग्री कार्यक्रमों के प्रशिक्षुओं को ऑन-द-जॉब इंटर्नशिप या प्रशिक्षण प्राप्त होगा। इससे उन्हें स्नातक स्तर पर पर्याप्त कौशल और कार्य अनुभव मिलेगा। इसके अलावा, प्रत्येक छात्र को अपनी शिक्षा और रहने के खर्चों के लिए मासिक वजीफा मिलेगा जो वास्तव में ‘सीखते समय कमाओ’ की अवधारणा को साकार करता है।