टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । अजय वर्मा । कोल्लम, 12 सितम्बर, 2023 | कोल्लम | माता अमृतानंदमयी मठ परम पूज्या माता अमृतानंदमयी देवी के सत्तरवें प्राकट्य-दिवस के स्मरणोत्सव की घोषणा करता है। 3 अक्टूबर, 2023 को इसका मनाया जाना निर्धारित हुआ है;यह उत्सव अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा, जो आध्यात्मिक भक्ति, लोकोपकारी मूल्यों तथा पर्यावरण के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के दृढ़ संकल्प का मिश्रण होगा।
यह भव्य समारोह अमृता विश्वविद्यापीठम के अमृता-कैंपस में विशेष रूप से निर्मित पंडाल में मनाया जायेगा। संयुक्त-राष्ट्र के 193 देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे विशिष्ट अतिथि, पर्यावरण-संरक्षण हेतु अति विशेष सन्देश लेकर, इस महत्वपूर्ण अवसर में भाग लेने हेतु एकत्रित होंगे।
उस दिन के उत्सव में, गौरवपूर्ण अमृता-कीर्ति पुरस्कार प्रदान करने, हृदय-स्पर्शी सामुदायिक विवाह-समारोह, ज़रूरतमंदों को वस्त्रों का वितरण तथा तीन हज़ार लोगों को माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा देश के विभिन्न भागों में संचालित व्यावसायिक-प्रशिक्षण-कार्यक्रमों की सफ़लतापूर्वक पूर्ण करने के लिए प्रमाण-पत्रों का देने के कार्यक्रम सम्मिलित हैं।
माता अमृतानंदमयी देवी स्वयं अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी तथा अमृतपुरी में एकत्रित होने वाले कई हज़ारों की संख्या में लोगों के समक्ष एक गहन जन्म-दिवस-सन्देश रखेंगी। साथ ही, मठ इस उत्सव में अपने भावी लोकोपकारी कार्यक्रमों का अनावरण करेगा।
माता अमृतानंदमयी मठ के उपाध्यक्ष, स्वामी अमृतस्वरूपानंद जी, इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण भाग, गुरु-पादपूजा का सञ्चालन करेंगे। सहभागियों को अमृता यूनिवर्सिटी तथा देश भर के अमृता विद्यालयों के छात्रों द्वारा प्रस्तुत मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आनंद-लाभ का अवसर भी प्राप्त होगा।
इस समारोह में भाग लेने के लिए, स्थानीय एवं दूर-दूर से हज़ारों लोगों के 2 और 3 अक्टूबर, 2023 आने की आशा है। देश के विभिन्न भागों से शुरू होने वाली रथ-यात्रायें 27 सितम्बर से चल कर अमृतपुरी में, 2 अक्टूबर के दिन एक भव्य शोभा-यात्रा के रूप में एकत्रित होंगी।
माता अमृतानंदमयी देवी का परिचय:
माता अमृतानंदमयी देवी, अम्मा के नाम से भी जानी जाने वाली एक सुविख्यात आध्यात्मिक संत एवं लोकोपकारिणी हैं तथा अपने निस्स्वार्थ सेवाकार्यों एवं सभी जीवों के प्रति करुणा के लिए सुप्रसिद्ध हैं। उनका मठ, माता अमृतानंदमयी मठ एक लोकोपकारी संस्था है जो अनेकानेक लोकोपकारी, शैक्षिक और पर्यावरण-संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से, मानवता के उत्थान हेतु समर्पित है। मठ का लक्ष्य, प्रेम, करुणा एवं समाज की प्रगति में मूलबद्ध है।