शेखर कपूर: दूरदर्शी निर्देशक जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठित फिल्मों से सिनेमा को नई परिभाषा दिया!

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टुडे  एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से वैश्विक सिनेमा तक डायरेक्टर शेखर कपूर की यात्रा उनकी दूरदर्शी निर्देशन और अद्वितीय कहानी कहने की क्षमता का प्रमाण है। कपूर का सिनेमा पर परिवर्तनकारी प्रभाव “मासूम,” “एलिजाबेथ,” और “बैंडिट क्वीन” जैसी उनकी प्रतिष्ठित फिल्मों से स्पष्ट है। उनकी हर फिल्म न केवल उनके निर्देशन की कुशलता को प्रदर्शित करती है बल्कि कहानी कहने की सीमाओं को भी फिर से परिभाषित करती है।

शेखर द्वारा निर्देशित पहली फिल्म “मासूम” ने संवेदनशीलता के साथ जटिल पारिवारिक जद्दोजहद को बताया, जिससे उनकी आने वाली उपलब्धियों के लिए भूमि तैयार हो गई। “एलिजाबेथ” में महारानी एलिजाबेथ प्रथम की दिलचस्प कहानी को चित्रित किया, जिससे कपूर को अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा और अकादमी पुरस्कार नॉमिनेशन भी मिला। बेहतरीन और अद्वितीय “बैंडिट क्वीन” ने फूलन देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहानी की गहराई में उतरने की उनकी क्षमता को अच्छी तरह से स्थापित किया।

सांस्कृतिक बाधाओं को पार करने की उनकी क्षमता के कारण कपूर की फिल्में विश्व स्तर पर प्रचलित हैं। केट ब्लैंचेट और हीथ लेजर जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के साथ उनका सहयोग मेनस्ट्रीम प्रतिभाओं को आकर्षित करने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। ऐतिहासिक और समकालीन विषयों की खोज कहानी कहने के उनके जुनून को उजागर करती है, जो सिनेमाई परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ती है।

शेखर कपूर को हाल ही में आईजीएफ के यूके-इंडिया अवार्ड्स में प्रतिष्ठित “लाइफटाइम कॉन्ट्रिब्यूशन टू यूके-इंडिया रिलेशंस” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपनी उपलब्धियों के अलावा, उन्हें कई प्रशंसाएँ भी मिलीं, जिनमें उनकी हालिया फिल्म, व्हाट्स लव गॉट टू डू विद इट? के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड’ भी शामिल है। कपूर की फिल्म ने ब्रिटिश नेशनल फिल्म पुरस्कार जीता है। शेखर फिलहाल कई प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं, जिनमें से एक में बहुप्रतीक्षित फिल्म मासूम… द नेक्स्ट जेनरेशन के म्यूजिक स्कोर पर काम करना शामिल है।

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